सौदेबाज़ी पर आये महंत ज्ञानदास , रामलला से वापस लो मुकदमा, तोहफे में देंगे मस्जिद
अयोध्या । हनुमानगढ़ी के महंत ज्ञानदास ने कहा है कि बाबरी मस्जिद के पक्षकार हाजी महबूब यदि रामलला से मुकदमा हटाकर निर्मोही अखाड़े के पक्ष में बयान दे दें तो वह अड़गड़ा की शाही मस्जिद मुस्लिम समाज को तोहफे में दे देंगे।
महंत ज्ञानदास की यह प्रतिक्रिया शाही मस्जिद की मरम्मत कराने को लेकर हाजी महबूब के उस बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि महंत ज्ञानदास मुसलिम समाज के हितैसी हैं तो वह अड़गड़ा की शाही मसजिद वाली भूमि दान कर दें।
हाजी ने यह भी कहा था कि महंत सस्ती लोकप्रियता के लिए मस्जिद की मरम्मत के लिए सहायता की बात कर रहे हैं और ये बाते अपने फायदे के लिए कर रहे हैं। यही नहीं उन्होंने कहा था कि यदि वे कुछ करना चाहते हैं तो हदिया (तोहफा) के तौर पर हमें मस्जिद दान दे दें।
हिंदी दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला में प्रकाशित एक खबर के अनुसार महंत ज्ञानदास ने कहा कि बाबरी मस्जिद के मुख्य मुद्दई मरहूम मो. हाशिम अंसारी थे, उनके इंतकाल के बाद अब उनके पुत्र मो. इकबाल अंसारी मुख्य मुद्दई हैं।
महबूब के पिता निर्मोही अखाड़े से राम जन्मभूमि से रामलला की मूर्ति हटाने का मुकदमा लड़ रहे थे। अब महबूब उनके कायम मुकाम हैं। उनका यह कहना सही नहीं है कि वह बाबरी मस्जिद के मुख्य मुद्दई हैं।
कहा कि हनुमानगढ़ी सागरिया पट्टी के संतों ने मुस्लिम संत शाह इब्राहिम शाह की याद में इब्राहिम शाह भवन का निर्माण कराया था। शाह मस्जिद (भवन) संतों के पैसे से बनवाया गया तब शरीयत आड़े नहीं आई।
कहा कि यदि महबूब रामलला से मुकदमा हटाकर निर्मोही अखाड़े के पक्ष में बयान दे दें तो वह हनुमानगढ़ी सागरिया पट्टी की पंचायती व्यवस्था के स्वामित्व वाली शाही मस्जिद मुस्लिम समाज को गिफ्ट कर देंगे।