सोनिया गांधी पर 2019 के चुनाव से पहले विपक्ष को एकजुट करने की बड़ी ज़िम्मेदारी

सोनिया गांधी पर 2019 के चुनाव से पहले विपक्ष को एकजुट करने की बड़ी ज़िम्मेदारी

नई दिल्ली। मुंबई में संविधान बचाओ मार्च के आयोजन में शामिल गैर बीजेपी दलों के नेताओं की सोमवार को दिल्ली में समपन्न हुई बैठक में विपक्ष की एकता और 2019 में होने जा रहे लोकसभा चुनावो में साझा तौर पर चुनाव लड़ने के लिए चर्चा हुई। एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार के नई दिल्ली आवास पर आयोजित इस बैठक में विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर संयुक्त रणनीति पर चर्चा की।

इस बैठक में देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस,तृणमूल कांग्रेस, सीपीआई, राष्ट्रीय जनता दल सहित देश के प्रमुख राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

सूत्रों की माने तो इस बैठक में गैर बीजेपी दलों के गठजोड़ यूपीए को मजबूत करने पर भी चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक 2019 के चुनाव में गैर बीजेपी दलों के महागठबंधन को लेकर भी चर्चा हुई है। सूत्रों ने कहा कि सभी नेताओं की इस बात को लेकर सहमति थी कि यूपीए के बैनर तले ही विपक्ष का एक मजबूत गठजोड़ बने।

सूत्रों ने कहा कि विपक्ष के तमाम नेताओं की राय में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और यूपीए की चेयर पर्सन सोनिया गाँधी को विपक्ष को एकजुट करने के लिए सबसे बेहतर नेता बताया गया। गौरतलब है कि राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति चुनाव के दौरान सोनिया गांधी ने विपक्ष को एक मंच पर लाने के लिए प्रयास किये थे और वे उसमे कामयाब रही थीं।

कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली ने कहा, ‘‘हम लोगों को आश्चर्य नहीं है, वह (पवार) दोनों संप्रग (सरकारों) के हिस्से रहे हैं। संप्रग अब भी बना है। कोई संप्रग से नहीं हटा है। 2009 और 2004 दोनों में वह (पवार) हमारे गठबंधन का हिस्सा थे। यह कोई आश्चर्य नहीं है।’’ मोइली ने कहा कि भाजपा विरोधी पार्टियों को अमित शाह नीत भगवा पार्टी के खिलाफ संघर्ष में ‘‘राष्ट्रीय ताकत’’ पाने के लिए कोई व्यापक गठबंधन बनाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘यह महज कोई सियासत नहीं है कि हम (विपक्षी पार्टियां) एकताबद्ध हो रही हैं, यह इन तमाम लोकतंत्र विरोधी तत्वों के खिलाफ संघर्ष करने के लिए है जो भाजपा के तहत एकजुट हो गए हैं। यह देश में लोकतंत्र के लिए है।’’

मोइली ने कहा कि विपक्षी पार्टियों का व्यापक गठबंधन बहुत सुदृढ़ और सबल नहीं हो सकता क्योंकि कांग्रेस कुछ राज्यों में क्षेत्रीय पार्टियों से लड़ रही है, लेकिन गठबंधन सुसंगठित होना चाहिए।’’ वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि क्षेत्रीय पार्टियां अपने संबंधित राज्यो मे अपने सियासी वजूद के साथ समझौता नहीं कर सकती हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘आप राष्ट्रीय स्तर पर कोई गठबंधन कर सकते हैं। आपको राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा से संघर्ष करना है। विपक्षी पार्टियों का यह एका जरूरी है।’’ मोइली से जब पूछा गया कि क्या यह एक अच्छा विचार है कि विपक्षी पार्टियां चुनाव से पहले किसी न्यूनतम साझा कार्यक्रम के साथ आगे आएं तो उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित रूप से हम ऐसा कर सकते हें, हमने 2009 में ऐसा किया था। यह कामयाब था।’’

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