सुप्रीम कोर्ट के विज्ञापन नियमों का उल्लंघन करने के लिए आप को लौटाने होंगे 18 करोड़ रुपये
नई दिल्ली । दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार को सुप्रीम कोर्ट की विज्ञापन गाइड लाइंस के उल्लंघन का दोषी पाया गया है। केंद्र सरकार की बीबी टंडन समिति ने दिल्ली सरकार को राज्य से बाहर छपे विज्ञापनों का पैसा चुकाने का आदेश दिया है।
टंडन समिति ने दिल्ली सरकार को निम्न चार कैटेगरी के तहत छपे विज्ञापनों पर हुए खर्च की भरपाई करने का निर्देश दिया है।
1. अलग-अलग वर्षगांठों पर दिल्ली के बाहर छपे विज्ञापन
2. ऐसे विज्ञापन जिन पर आम आदमी पार्टी का नाम छपा है
3. दूसरे राज्यों की घटनाओं पर मुख्यमंत्री के विचारों का प्रचार
4. विपक्ष पर निशाना साधने वाले विज्ञापन
केंद्र की कंटेंट रेगुलेशन कमेटी ने ने आम आदमी पार्टी को इन तमाम विज्ञापनों पर खर्च हुए रकम को सरकारी खजाने में वापस जमा करने के आदेश दिए हैं। आम आदमी पार्टी ने पूरे देश में विज्ञापनों पर कुल 18 करोड़ 47 लाख रुपये खर्च किए थे। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन की अर्जी पर सुनवाई करते हुए कंटेंट रेगुलेशन कमेटी ने कहा है कि दिल्ली सरकार ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पार्टी की छवि बनाने के लिए सार्वजनिक धन का विज्ञापनों पर गलत इस्तेमाल किया है। यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन है।
माकन ने कमेटी के पास शिकायत दर्ज कराया था कि आम आदमी पार्टी अपने विज्ञापनों में कोर्ट के दिशा निर्दशों के नौ बिंदुओं का उल्लंघन कर रही है। बाद में माकन के आरोपों की जांच करने पर कमेटी ने पाया कि कोर्ट के नौ बिंदुओं में से आम आदमी पार्टी छह बिंदुओं का वाकई में उल्लंघन कर रही है।
कमेटी के मुताबिक आप सरकार ने अपने क्षेत्र से बाहर विज्ञापन दिए हैं। जिस कमेटी ने आम आदमी पार्टी सरकार को विज्ञापन मामले में दोषी माना है उसका गठन सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सूचना प्रसारण मंत्रालय ने किया था। इस कमेटी में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त बीबी टंडन वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा और ऐड गुरु पीयूष पांडे शामिल हैं।