सुप्रीमकोर्ट की दो टूक : ‘300 करोड़ जमा करें या वापस जेल जाने को तैयार रहें सहाराश्री’

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नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी के साथ सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय सहारा के पैरोल की अवधि तीन अगस्त तक बढ़ा दी है। शीर्ष अदालत ने सहारा प्रमुख से कहा कि या तो वह तीन अगस्त तक 300 करोड़ रुपये जमा करें या वापस जेल जाने के लिए तैयार रहें।

चीफ जस्टिस टी एस ठाकुर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने सहारा समूह को सुब्रत राय की जमानत के लिए जरूरी रकम जुटाने के लिए संपत्तियों को बेचने की इजाजत दे दी है। इनमें वे संपत्तियां भी हैं, जिन्हें बेचने की जिम्मेदारी सेबी को दी गई थी।

इससे पहले सहारा प्रमुख की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि सहारा समूह एक वर्ष के भीतर 5000 करोड़ रुपये देने की स्थिति में होगा। मगर समूह को सेबी द्वारा निर्धारित नियम व शर्तों के तहत अपनी संपत्तियों को बेचने की इजाजत दी जाए। सेबी को किसी भी संपत्ति को सर्किल रेट से कम पर बेचने से मना किया गया है जबकि सहारा समूह को बाजार भाव पर बेचने के लिए कहा गया है।

बेंच सहारा समूह के प्रयासों से इस कदर नाखुश थी कि सुनवाई के दौरान एक वक्त उसने यहां तक कह दिया कि अब सुब्रत रॉय के जेल वापस जाने का समय आ गया है। लेकिन वरिष्ठ वकील सिब्बल ने पीठ को यह भरोसा दिलाया कि अगर सुब्रत रॉय और समूह को और कुछ समय दिया जाएगा तो वह साबित कर सकेंगे कि रकम जमा करने को लेकर वह कितने गंभीर है। उन्होंने कहा कि रकम का जुगाड़ करने की हरसंभव कोशिश की जा रही है।

मालूम हो कि मां की मृत्यु की बाद सुब्रत रॉय और समूह के दो निदेशकों को सुप्रीम कोर्ट ने पैरोल दी थी। 11 मई को उनकी पैरोल की अवधि और दो महीने के लिए बढ़ा दी गई थी। सोमवार को पैरोल की अवधि खत्म हो रही थी।

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