सुप्रीमकोर्ट की केंद्र को फटकार: आप लोग व्यवस्था नहीं कर पा रहे तो आम लोग क्यों परेशानी झेलें?
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नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी को लेकर सरकार द्वारा की गई तैयारियों के लिए उसे कड़ी फटकार लगाते हुए गुरुवार को कहा कि केंद्र इस बात का जवाब दे कि लोगों के बीच कैश को सामान्य तरीके से क्यों नहीं बांटा जा पा रहा। सुप्रीम कोर्ट का इशारा उस तरफ था कि किसी-किसी के पास इतने सारे नोट बरामद हो रहे हैं और ज्यादातर लोग लाइन में लगे हुए हैं।
चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर, जस्टिस ए एम खनवालकर और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड की बेंच ने कहा कि नोटबंदी की वजह लोग बड़ी परेशानी में आ गए हैं। बेंच ने कहा कि कुछ लोगों को इतना सारा पैसा मिल रहा है और कुछ लोग एक नोट के लिए भी तरस रहे हैं।
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रोजमर्रा की जरूरतों के लिए पुराने नोटों को फिलहाल चलने दिया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘पुराने नोटों को फिलहाल सरकारी हॉस्पिटल में चलने दिया जाना चाहिए ताकि लोग दवाई ले सकें। अगर आप लोग व्यवस्था नहीं कर पा रहे तो आम लोग क्यों परेशानी झेलें?’ इसपर अटर्नी जनरल मुकल रोहतगी ने कहा कि लोग जिस भी परेशानी का सामना कर रहे हैं वह कुछ ही दिनों में खत्म हो जाएगी। लेकिन कोर्ट पुराने नोटों के इस्तेमाल के लिए कोई आदेश पारित ना करे।
रोहतगी ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने पुराने नोटों को चलाने का ऑर्डर दे दिया तो काफी मात्रा में कालाधन सफेद कर लिया जाएगा। रोहतगी ने यह भी माना कि पेट्रोल पंप और रेलवे रिजर्वेशन के जरिए काफी सारा कालाधन सफेद कर लिया गया है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ऐसे लोगों को दोबारा मौका ना दे।