सुनो सरकार: चिन्मयानंद पर पुलिस ने क्यों नहीं लगायी IPC की धारा 376 ?

सुनो सरकार: चिन्मयानंद पर पुलिस ने क्यों नहीं लगायी IPC की धारा 376 ?

नई दिल्ली। बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद ने शुक्रवार को एसआईटी के समक्ष अपना गुनाह कबूल कर लिया। कानून की एक छात्रा द्वारा लगाए गए अधिकांश आरोपों को चिन्मयानंद ने स्वीकार कर लिया। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद चिन्मयानंद को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। जहाँ से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

चिन्मयानंद की गिरफ्तारी अवश्य हुई लेकिन पुलिस ने आईपीसी की धारा 376 नहीं लगायी बल्कि 376सी लगायी है। यानि चिन्मयानंद ने बलात्कार नहीं किया बल्कि लड़की को फुसला कर जिस्‍मानी रिश्‍ते बनाये। यानी कि अगर स्वामी दोषी भी पाए गए तो भी उन्हें अधिकतम 5 साल की सजा होगी।

इतना ही नहीं चिन्मयानंद को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने में बहुत जल्दबाजी दिखाई, लेकिन पुलिस ने चिन्मयानंद से पूछताछ के लिए कोर्ट से पुलिस कस्टडी नहीं मांगी।

एक तरफ एसआईटी कह रही है कि इस मामले से जुड़े अहम सबूत नष्ट कर दिए गए हैं, चिन्मयानंद ने अपने फोन का डेटा भी डिलीट कर दिया है। वहीँ दूसरी तरफ पुलिस ने सबूतों की बरामदगी के लिए चिन्मयानंद की कस्टडी नहीं मांगी। मजिस्ट्रेट के समक्ष पुलिस द्वारा चिन्मयानंद की कस्टडी न मांगे जाने चिन्मयानंद का न्यायिक हिरासत में जाने का रास्ता साफ़ हो गया।

इसके पलट पुलिस ने चिन्मयानंद की तरफ से एक नया केस दर्ज कर लिया। इसमें चिन्मयानंद की तरफ से आरोप लगाया है कि उन्हें ब्लेकमैल करने की कोशिश हुई और 5 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी गई है। रंगदारी मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

चिन्मयानंद पर आरोप लगाने वाली छात्रा का कहना है कि “जिसका डर था, वही हुआ। पुलिस ने चिन्मयानंद पर रेप का सीधा सीधा मामला दर्ज नहीं किया। जब मैं यहां पर एसआईटी के सामने 161 का बयान देने गई थी, मैंने उस दिन बता दिया था कि मेरे साथ रेप हुआ है। जब जांचकर्ताओं ने सवाल किये तो मैंने सब कुछ बताया था कि मेरे साथ किस तरह से क्या क्या हुआ है, सबकुछ बताया था। इसके बावजूद चिन्‍मयानंद पर 376सी लगाई गई।”

इस मामले में एसआईटी का कहना है कि चिन्मयानंद ने पूछताछ में रेप करने की बात को स्वीकार नहीं किया। इस केस को ठीक से साबित करने लिए एसआईटी उन सबूतों को फिर जुटाने की कोशिश कर रही है जो मिटा दिए गए हैं।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक लॉ स्टूडेंट के पिता ने स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी। शाहजहांपुर के एसएस लॉ कॉलेज में एलएलएम की एक छात्रा ने चिन्मयानंद पर किडनैपिंग और शारीरिक शोषण का आरोप लगाया था।

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TeamDigital