सियासत का कमाल- चहेते मालामाल, जरूरतमंद बदहाल

सियासत का कमाल- चहेते मालामाल, जरूरतमंद बदहाल

ब्यूरो (राम मिश्रा,अमेठी) : सियासत किस कद्र भेदभाव करती है,इसका कुरूप चेहरा अगर देखना है तो आपको अमेठी जिले के मुसाफिरखाना कस्बा से सटे गाँव खौदिया में जाना पड़ेगा।

प्रदेश में गरीबों के उत्थान के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई गई हैं,जिनमे पीएम आवास,मुख्यमंन्त्री आवास,आयुष्मान भारत योजना है। इस योजना का लाभ उन गरीब परिवारों को दिया जाना था, जो विकास धारा से बिछुड़ चुके है। चाहे वे किसी भी जाति धर्म के क्यों न हों लेकिन आरोप है इस योजना का लाभ पात्र व्यक्तियों को कम और अपात्र व्यक्तियों को ज्यादा मिला है। लोगो ने बताया है कि इसकी वजह पंचायत प्रतिनिधियों और अधिकारियों की मौजूदगी में चयन प्रक्रिया का सही न होना है ।

वहीं राजनीतिक हस्तक्षेप और पंचायत प्रधानों की मनमानी के अलावा कुछ रसूखदार लोगों द्वारा बीपीएल में एंट्री मारने के लिए विशेष नीति बनाकर गरीब को पीछे छोड़ कर अमीर आगे बढ़कर उनका हक मार लेने में सफल हो जाता है। अगर गरीब बोलता है तो उसकी आवाज बंद कर दी जाती है।

अंदर खानों से मिले आंकड़ों से पता चलता है कि हर वर्ष पूरे मुसाफिरखाना ब्लॉक में कई गरीब परिवारों को गृह निर्माण के लिए राशि मुहैया करवाई जाती है और उस राशि को भी अपात्र ले उड़ते हैं। यही नहीं नौकरी भी हासिल कर लेते हैं और एक बार बीपीएल में आ गए, तो फिर आठ-दस वर्षों तक कब्जा छोड़ते ही नहीं है और गरीबों को यह सुविधा भी नहीं मिल पाती है ।

यही वजह है कि आज भी मुसाफिरखाना विकासखण्ड अन्तर्गत हर खौदिया पंचायत में ऐसे कई गरीब परिवार मिल जाएंगे। जिसके पास आज भी पुराना कच्चा जर्जर मकान है और शौचालय भी नहीं है। और ऐसे भी लोग है जो आज भी तंबू या झोंपड़ी में रहने को मजबूर हैं, जिनमें ज्यादातर गरीब,अल्पसंख्यक और दलित परिवार से संबंधित हैं इसके लिए पंचायत प्रतिनिधि व स्थानीय अधिकारी और नेता जिम्मेदार है क्योंकि उनके सहारे ही यह सब होता है।

 

30 वर्षो से तंबू में रह रहा बहराम का परिवार-

ग्राम पंचायत के खौदिया में निजाम का परिवार पिछले कई वर्षों से तंबू और झोंपड़ीमें रह रहा है वहीं उसी गांव में विधवा क़िस्मतुल निशाँ का परिवार में झोपडी में रहने को मजबूर है इसी ग्राम सभा के स्व.बहराम का पूरा परिवार भी कई वर्षों से तंबू में रहने को मजबूर है। कोई आमदन भी नहीं और भीख मांग कर गुजारा करते है वहीं चहेते लोग ठाठ से जीवनयापन कर रहे है।

अव्यवस्था के लिए सरकार जिम्मेदार-

राजनीतिक पार्टियो को वोट चाहिए। उसके लिए चाहे किसी की भी बलि देनी पड़े इस अव्यवस्था का जिम्मेदार सम्बंधित विभाग व सरकार है।

-हसनैन – युवा समाज सेवी

दसो दिशाओं में होगा विकास-
राहुल गाँधी के कार्यकाल में अमेठी में योजनाएं धरातल पर नही उतर सकी। अब अमेठी से स्मृति दीदी की जीत हुई है किसी के साथ अन्याय नहीं होगा, दसो दिशाओं में विकास होगा ।

-हरनाम सिंह ‘ठाकुर’
अध्यक्ष-भाजपा युवा मोर्चा अमेठी

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TeamDigital