साल 1992 में ‘राष्ट्रीय शर्म’ के लिए जिम्मेदार लोग आज देश चला रहे हैं : ओवैसी

नई दिल्ली। आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बाबरी मस्जिद विध्वंस ढहाये जाने की घटना को राष्ट्रीय शर्म की घटना बताते हुए कहा कि साल 1992 में राष्ट्रीय शर्म के लिए ज़िम्मेदार लोग आज देश चला रहे हैं।

ओवैसी ने बाबरी मस्जिद मामले की सुनवाई में हुई देरी पर नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए ट्विटर पर लिखा कि ‘महात्मा गांधी हत्याकांड की सुनवाई दो वर्ष में पूरी हुई और बाबरी मस्जिद ढहाने की घटना जो एमके गांधी की हत्या से ज्यादा गंभीर है, उसमें अब तक फैसला नहीं आया है।’

उन्होंने कहा, ‘गांधी जी के हत्यारों को दोषी ठहराकर फांसी पर लटकाया गया और बाबरी (कांड) के आरोपियों को केंद्रीय मंत्री बनाया गया, पद्म विभूषण से नवाजा गया. न्याय प्रणाली धीरे चलती है।’

ओवैसी ने कहा, ‘इसमें 24 साल की देरी हुई, इसमें 24-25 साल गुजर चुके हैं, लेकिन आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने फैसला किया कि साजिश का आरोप होना चाहिए। लेकिन मुझे आशा है कि सुप्रीम कोर्ट (वर्ष 1992 से लंबित) अवमानना याचिका पर भी फैसला करेगी।

उन्होंने कई ट्वीट में कहा, ‘क्या कल्याण सिंह इस्तीफा देकर सुनवाई का सामना करेंगे या राज्यपाल होने के पर्दे के पीछे छिपेंगे, क्या मोदी सरकार न्याय के हित में उन्हें हटाएंगे, मुझे संदेह हैं।

ओवैसी ने कहा कि उनको लगता है कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने कार सेवा की अनुमति नहीं दी होती तो बाबरी मस्जिद नहीं ठहायी जाती और सुप्रीम कोर्ट का अभी भी अवमानना याचिका पर सुनवाई करना बाकी है।

अपनी राय कमेंट बॉक्स में दें

TeamDigital