सांप्रदायिक मसलों से ही जिंदा है भाजपा: गुलाम नबी आजाद
लखनऊ । कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व यूपी प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने कहा कि भाजपा सांप्रदायिक मसलों से ही जिन्दा है। उसके लोग लोकतंत्र का कत्ल करते हैं। समान नागरिक संहिता, कैराना व मथुरा जैसे मुद्दों को उठाकर भाजपा वोटों के ध्रुवीकरण का खेल खेल रही है। यूपी चुनाव में छह महीने बचे हैं। अभी देखिए, वे ध्रुवीकरण के लिए क्या-क्या मुद्दे उठाते हैं।
लोकतंत्र इसलिए होता है ताकि सभी को अपनी बात कहने का मौका मिल सके लेकिन भाजपा ध्रुवीकरण में विश्वास रखती है। आजाद रविवार को कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के रोजा इफ्तार में हिस्सा लेने आए थे। इसका आयोजन सिराज मेंहदी ने किया।
गुलाम नबी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, भाजपा कई साल बाबरी मस्जिद पर जिन्दा रही। धर्म के नाम पर राजनीति करने वालों को चुनाव नहीं लड़ना चाहिए। एक तरफ 80 प्रतिशत हैं दूसरी तरफ 20 फीसदी। ऐसे में चुनाव की क्या जरूरत है? देश इसलिए चल रहा है क्योंकि यहां के बहुसंख्यक हिन्दू एवं मीडिया सेकुलर है।
उन्होंने कहा, ईद के बाद पार्टी 2017 के चुनाव के लिए पूरी तरह जुट जाएगी। कांग्रेस रमजान पर चुनावी कैंपेन शुरू नहीं करना चाहती थी क्योंकि मुस्लिम कार्यकर्ताओं के साथ नाइंसाफी हो जाती। मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा, यह रणनीति का हिस्सा है। जंग और चुनाव में रणनीति नहीं बताई जाती। इसके लिए अभी बहुत समय है।
इससे पहले एक होटल में आयोजित इफ्तार पार्टी में सुन्नी धर्म गुरु खालिद रशीद फरंगी महली व शिया समुदाय के मौलाना सफदर हुसैन जैदी ने नमाज पढ़वाई।
इस मौके पर सईदुरहमान आजमी, मौलाना रियाज, मौलाना इफ्तखारी, मौलाना अली जहीर, शायर मुनव्वर राना, इमरान प्रतापगढ़ी, नसीम निखत, जौहर कानपुरी और प्रदेश अध्यक्ष डॉ. निर्मल खत्री, पीएल पुनिया, प्रदीप माथुर, प्रमोद तिवारी, रीता जोशी, सिब्ते रजी आदि नेता मौजूद थे।
आजाद ने बसपा पर कुछ भी बोलने से इन्कार किया। कहा, बसपा की जो हालत है वह उनका अंदरूनी मामला है। मैं उनकी कोई मदद नहीं कर सकता। आतंकवाद पर बोले, देश के विरुद्ध जो भी आतंक फैलाए उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, चाहे वह किसी भी जाति व धर्म का क्यों न हो। लेकिन खुफिया एजेंसियों को यह ख्याल रखना चाहिए कि कोई भी निर्दोष इसमें न फंसे।