सवर्णो के नोटा से डरी बीजेपी अब आरएसएस की शरण में

सवर्णो के नोटा से डरी बीजेपी अब आरएसएस की शरण में

नई दिल्ली। हाल ही में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावो में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में अपनी सत्ता गंवाने वाली भारतीय जनता पार्टी अब सवर्णो के नोटा से भी खा रही है। आगामी लोकसभा चुनाव में सवर्णो के नोटा से बचने के लिए भारतीय जनता पार्टी अब आरएसएस की मदद लेगी।

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आरएसएस घर घर जाकर सर्वणो को मोदी सरकार द्वारा दस फीसदी आरक्षण के लिए लाये गए अध्यादेश के बारे में समझाएगी। इतना ही नहीं संघ के स्वयंसेवक सर्वणो से मिलकर उन्हें राम मंदिर निर्माण नहीं हो पाने के पीछे कानूनी वजहों के बारे में भी जानकारी देगी।

गौरतलब है कि एससी/एसटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ कई राज्यों में अगड़ी जातियों से जुड़े संगठनों ने मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किये थे। इतना ही नहीं मध्य प्रदेश और राजस्थान में सवर्ण संगठनों ने विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के खिलाफ नोटा का इस्तेमाल भी किया था। जिसके चलते मध्य प्रदेश में करीब एक दर्जन सीटों पर बीजेपी को मामूली अंतर् से हार का सामना करना पड़ा था।

अब चूँकि लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने में असमर्थता जाता चुके हैं। सवर्णो को मनाने के लिए सिवाय दस फीसदी आरक्षण के लिए मोदी सरकार द्वारा लाये गए अध्यादेश के अलावा कोई और बड़ी उपलब्धि बीजेपी के पास नहीं है।

ऐसे हालातो में बीजेपी को अभी भी यह भय सता रहा है कि कहीं लोकसभा चुनाव में भी अगड़ी जातियों के मतदाता नोटा का इस्तेमाल करके उसके लिए परेशानी पैदा न कर दें। इसलिए सवर्णो को मनाने और समझाने के लिए बीजेपी ने यह ज़िम्मेदारी आरएसएस को सौंपी है।

आरएसएस के स्वयं सेवक सवर्ण समुदायों से जुड़े संगठनों के पदाधिकारियों के अलावा घर घर जाकर लोगों को नोटा न इस्तेमाल करने के लिए मनाएंगे और उन्हें मोदी सरकार द्वारा सामान्य वर्ग को दस फीसदी आरक्षण के लिए लाये गए अध्यादेश के बारे में जानकारी देंगे।

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TeamDigital