सरकार से नाराज़ अन्ना 8 तारीख को लौटाएंगे पद्मभूषण अवार्ड

सरकार से नाराज़ अन्ना 8 तारीख को लौटाएंगे पद्मभूषण अवार्ड

रालेगण सिद्धि। लोकपाल की न्युक्ति में मोदी सरकार की टालमटोल के विरोध में अपने गाँव रालेगण सिद्धि में अनशन पर बैठे प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हज़ारे ने एलान किया है कि वे 8 फरवरी को अपना पद्मभूषण अवार्ड सरकार को वापस लौटा देंगे।

अन्ना हजारे को उनके उत्कृष्ठ कार्यों के लिए 1992 में नरसिम्हा राव सरकार ने पद्मभूषण से सम्मानित किया था। अन्ना हज़ारे लोकपाल की न्युक्ति की मांग को लेकर पिछले चार दिनों से अपने गाँव में अनशन पर बैठे हैं।

वहीँ सरकार की तरफ से अन्ना हज़ारे के अनशन को लेकर कोई अहमियत न दिए जाने उनके गाँव के लोगों ने सरकार के विरोध नारे लगाते हुए नगर-पुणे हाइवे जाम कर दिया।

अन्ना का कहना है कि बीते पांच सालों में उन्होंने लोकपाल प्राधिकरण को लागू करने के लिए करीब 35 पत्र प्रधानमंत्री को लिखे लेकिन उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया गया।

अन्ना ने मोदी सरकार पर लोकपाल की न्युक्ति को लेकर टालमटोल करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि कानून के मुताबिक, केंद्र में लोकपाल और राज्य में केवल लोकायुक्त को नियुक्त किया जा सकता है लेकिन सभी वादों के बावजूद इसे लागू नहीं किया गया है।

गौरतलब है कि अन्ना हजारे लोकपाल व लोकायुक्तों की मांग को लेकर पिछले महीने की 30 तारीख से अपने गांव रालेगण-सिद्धि में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की बैठे हैं। डॉक्टरों के मुताबिक अन्ना हज़ारे के बजन में करीब साढ़े तीन किलो की कमी आयी है।

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TeamDigital