सरकार की आँखों में खटक रही एएमयू में जुमे के दिन मिलने वाली आधे दिन की छुट्टी !

नई दिल्ली। अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में जुमे के दिन नमाज़ के लिए मिलने वाली आधे दिन की छुट्टी सरकार की आँखों में खटकने लगी है। जानकारी के मुताबिक अलीगढ मुस्लिम विश्वविधालय प्रशासन ने अपने कर्मचारियों को जुमे के दिन आधे दिन की छुट्टी ख़त्म करके सिर्फ डेढ़ घंटे की घुट्टी किये जाने का प्रस्ताव दिया है।

हालाँकि यह दावा किया जा रहा है कि यह प्रस्ताव अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के लोगों की सहमति के आधार पर रखा गया है लेकिन सूत्रों के हवाले से मिली खबरों के अनुसार पिछले दिनों अमुवि के पूर्व कुलपति ज़मीरउद्दीन शाह जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लखनऊ मिलने गए थे उसी मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने उन्हें स्पष्ट तौर पर जुमे के दिन आधी छुट्टी न करने के लिए कहा था।

सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद लौटे तत्कालीन वाइस चांसलर ने अमुवि इंतजामिया से जुड़े लोगों को इस बारे में फैसला लेने के लिए कहा था। इस बैठक में वर्तमान वाइस चांसलर तारिक मसूर भी मौजूद थे।

हालाँकि वाइस चांसलर तारिक मंसूर जुमे की आधे दिन की छुट्टी ख़त्म करने के प्रस्ताव के पीछे दूसरी वजह बता रहे हैं। उन्होंने अंग्रेजी अख़बार टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा बताया कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी होने के कारण एएमयू में पांच दिन ही पढ़ाई और बाकी कामकाज होते हैं इसलिए काम के न्यूनतम घंटे पूरे करने के लिए रोजाना काम के घंटे बढ़ाए जाएंगे। वीसी मंसूर ने बताया कि नया नियम नए शैक्षणिक सत्र से लागू होगा।

वाइस चांसलर तारिक मंसूर के बयान के बाद यहाँ एक बड़ा सवाल यह भी पैदा होता है कि यह फैसला आज लेने की नौबत क्यों आयी है। 1920 में सौ वर्ष पूरे करने जा रही अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पिछले 97 सालो से चल रही परम्परा को ख़त्म करने के पीछे कौन से कारण हैं जिन्हे छिपाया जा रहा है।

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TeamDigital