सरकार का दावा झूठा: निलंबन से पहले ही प्रिंसिपल ने दे दिया था इस्तीफा!

सरकार का दावा झूठा: निलंबन से पहले ही प्रिंसिपल ने दे दिया था इस्तीफा!

लखनऊ। गोरखपुर में पांच दिनों में 63 बच्चो की मौत पर डिफेंसिव मोड में आयी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का एक और दावा झूठा साबित हुआ है।

प्रदेश सरकार की तरफ से दावा किया गया था कि गोरखपुर हादसे के बाद यूपी के कैब‌िनेट मंत्री स‌िद्धार्थ स‌िंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि लापरवाही को देखते हुए बीआरडी के प्र‌िंस‌िपल को न‌िलंब‌ित कर द‌िया गया है जबक‌ि प्र‌िंस‌िपल ने इसके बाद बयान द‌िया क‌ि वह पहले ही त्यागपत्र ल‌िख चुके थे।

निलंबित प्र‌िंस‌िपल आरके म‌िश्रा ने अपने बयान में कहा क‌ि ‘मैं निलंबन के पहले ही मैं त्यागपत्र दे चुका था।’ उन्होंने कहा, मासूम बच्चों की मौत की नैत‌िक ज‌िम्मेदारी लेते हुए मैं त्यागपत्र पहले ही ल‌िख चुका था।

उन्होंने कहा क‌ि मैंने सीएम से बात करके ज‌िम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देने की बात की थी लेक‌िन मुझे ये कहकर रोका गया था क‌ि अभी कमेटी बनाई गई है, जांच की र‌िपोर्ट आने तक इंतजार करो।

वहीँ कैब‌िनेट मंत्री स‌िद्धार्थ स‌िंह ने प्रदेश सरकार की तरफ से कहा था कि योगी जी यहां 9 जुलाई और 9 अगस्त को भी आए थे। यहां उन्होंने डॉक्टरों से भी चर्चा की थी। एक व‌िषय जो क्र‌िट‌िकल है वो है गैस सप्लाई का वो रखा नहीं गया। उन्होंने बताया क‌ि हमने आंकड़े भी देखने की कोश‌िश की है क्योंक‌ि 20 से 23 बच्चों के मरने की खबर आई है वो चौंकाने वाला मामला है।

सिद्धार्थ सिंह ने यह भी दावा किया कि गैस सप्लाई से बच्चों की मौत नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन सप्लाई लो होने पर ये पता चला है क‌ि डीलर का भुगतान नहीं हुआ था। इसका पत्र दिया गया था। इसके बाद 5 तारीख को बीआरडी कॉलेज के प्रिंसिपल के खाते में भुगतान भेजा गया था जो उनके मुताबिक उन्हें 7 तारीख को मिला। जबकि डीलर का कहना है क‌ि उसको भुगतान 11 तक मिला।

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TeamDigital