समानांतर सरकार चला रहे थे सत्याग्रही, अभी तक 17 मौत, डीजीपी मौके पर, कुछ पुलिसवाले भी लापता
मथुरा । जवाहर बाग़ को कथित लोगों के कब्ज़े से मुक्त कराने गई पुलिस टीम पर हमले में एक एसएचओ और एसपी सिटी की मौत के बाद मामला काफी तनावपूर्ण हैं । यहाँ अभी तक 17 लोगों मौत की खबर है वहीँ कुछ पुलिसवाले अभी भी लापता हैं । मथुरा में पुलिस बल की तादाद बढ़ा दी गई है और डीजीपी मौके पर पहुँच चुके हैं ।
जवाहर बाग़ में अभी भी पुलिस का सर्च अभियान जारी है । आज सुबह 2 कब्जाधारी जवाहरबाग़ में पेड़ पर चढ़े मिले। उनके पास से एके 47 की कार्टेज मिली हैं। मौके पर कारतूस के खोखे और बॉड़ी प्रोटेक्टर टूटे मिले।
कुछ पुलिसकर्मियों के लापता होने की भी खबर सामने आ रही है। एडीजी लॉ एंड आर्डर दलजीत चौधरी, डीजीपी जावीद अहमद और गृह सचिव देवाशीष पांडा मौके पर पहुंच चुके हैं। पुलिस लाइन में शहीद पुलिसकर्मियों को सलामी-श्रद्धांजलि दी जायेगी।
Mujhe paise nhi chahiye,CM mera beta lakar de dein:Mother of #Mathura SP Mukul Dwivedi who was killed in firing yday pic.twitter.com/uQVn4yMiGM
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 3, 2016
जवाहर बाग में कब्जे को लेकर हिंसक संघर्ष करने वाले 3 हजार से कब्जाधारियों की यहां समानांतर सरकार थी। अपनी सरकार औऱ अपनी मांगों को लेकर कब्जाधारियों ने मथुरा प्रशासन की नाक में दम कर रखा। खुद को सुभाषचंद्र बोस का अनुयायी कहने वाले कथित सत्याग्रहियों का इतना खौफ था कि पुलिस, पीएसी ही नहीं सेना तक इनके साम्राज्य को चुनौती देने से डरती थी।
Pics of #Mathura SP Mukul Dwivedi who was killed in firing during police-encroachers clash in Jawahar Bagh yesterday pic.twitter.com/aYBF4BSkTc
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 3, 2016
कई बार सत्याग्रहियों ने पुलिस को टीम को बंधक बनाकर सीधे पुलिस को चुनौती तक दी है। कथित सत्याग्रहियों की अजीबो-गरीब मांगे थीं, जो कभी पूरा न हो सकने वाली थी। इन मांगों को बाकायदा दीवारों पर लिख रखा गया था।