संसद में सोनिया ने इशारो में साधा निशाना, कहा ‘कुछ लोग नफरत की राजनीति कर रहे हैं’
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नई दिल्ली। भारत छोड़ो आंदोलन के 75 साल पूरे होने पर लोकसभा में चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार और आरएसएस का नाम लिए बिना बड़ा हमला बोला।
सोनिया गाँधी ने आरएसएस का नाम लिए बिना कहा कि कुछ संगठन शुरू से इस आंदोलन के खिलाफ था। उन्होंने कहा कि देश में फिलहाल बहस करने की स्पेस काफी कम हो गई है। लोग डर और भय के माहौल में जी रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि वो शुक्रगुजार हैं कि कांग्रेस द्वारा आयोजित इस आंदोलन में भाग लिया था, जिसकी नींव महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू और सरदार पटेल ने रखी थी। उन्होंने कहा कि करो या मरो के नारे से पूरे देश को उत्तेजित कर दिया था।
सोनिया गाँधी ने कहा कि आज़ादी आंदोलन में जवाहर लाल नेहरू ने अपना सबसे लंबा वक्त जेल में इस आंदोलन के दौरान बिताया। एक बार आरएसएस को कटघरे में खड़ा करते हुए सोनिया गाँधी ने याद दिलाया कि इस आंदोलन के दौरान कई लोग भूमिगत हो गए थे। सत्याग्रहियों को डराने के लिए महिलाओं को भी अंग्रेज सरकार ने नहीं बख्शा था।
उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान कई कांग्रेसी जेल में मर गए थे। महिलाओ ने भी इस आंदोलन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था। उन्होंने संघ का नाम लिए बिना कहा कि ऐसे संगठनों का आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं रहा। ये ऐसे संगठन थे जो इस आंदोलन के शुरू से खिलाफ थे।
सोनिया गांधी ने कहा, मुझे लगता है कि देशवासियों के मन में कई आशंकाएं भी हैं कि अंधकार की शक्तियां फिर फैल रही हैं। जहां आजादी का माहौल था, वहां भय फैल रहा है। कई बार कानून के राज पर भी गैरकानूनी शक्तियां हावी दिखाई देती हैं। भारत छोड़ो आंदोलन एक याद है, जो हमें प्रेरणा देती है कि अगर हमें आजादी को सुरक्षित रखना है, तो हरेक दमनकारी शक्ति के खिलाफ संघर्ष करना होगा, फिर चाहे वह कितनी भी सक्षम क्यों न हो. हमें उस भारत के लिए लड़ना है, जिस भारत में हम विश्वास रखते हैं।