संसद मार्ग पर युवाओं की हुंकार रैली: पढ़िए – किसने क्या कहा

संसद मार्ग पर युवाओं की हुंकार रैली: पढ़िए – किसने क्या कहा

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की अनुमति न मिलने के बावजूद संसद मार्ग पर हज़ारो युवा विधायक जिग्नेश मेवाणी की युवा हुंकार रैली का हिस्सा बने। इस रैली को जिग्नेश मेवाणी के अलावा वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण, किसान नेता अखिल गोगोई, जेएनयू छात्र नेता कन्हैया कुमार उमर खालिद व शहला राशिद आदि ने सम्बोधित किया।

युवा हुंकार रैली के आयोजन के लिए जिग्नेश मेवाणी ने संसद मार्ग पर रैली करने की अनुमति मांगी थी लेकिन दिल्ली पुलिस ने एनजीटी के आदेश का हवाला देते हुए पार्लियामेंट स्ट्रीट पर मेवाणी की रैली को मंजूरी नहीं दी। दिल्ली पुलिस ने बताया कि मेवाणी को रामलीला मैदान में रैली करने को कहा गया था।

रैली को सम्बोधित करते हुए जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि हम किसी धर्म के खिलाफ न थे, न होंगे. हम सविंधान को मानते हैं, बाबा साहेब और फूले के विचारों को मानते हैं। आप हम पर हमले कीजिए, फिर भी हम संविधान की बात करेंगे।

मेवाणी ने कहा कि पीएम मोदी को बताना चाहूंगा कि अब तो मैं गुजरात से ही विधायक हूं। आपको कई फाइले जलानी पड़ी, क्योंकि अब कई भ्रष्टाचार वाली फाइल हमारे पास आने वाली है। हम अब सवाल गुजरात की असेंबली में भी पूछेंगे और सड़कों पर रहकर भी पूछेंगे।

रैली में जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि मैं पीएम से सवाल पूछूंगा कि आप क्या चुनेंगे, मनु स्मृति या संविधान? जिग्नेश ने कहा कि वे लोग हम पर हमले कर रहे हैं क्योंकि मैंने, हार्दिक, और अल्पेश ने उन्हें गुजरात में 99 तक ला दिया। पीएम को बताना होगा कि अब तक 15 लाख रुपये अकाउंट में क्यों नहीं आए? युवाओं के पास रोजगार क्यों नहीं है? मंदसौर में किसान क्यों मारे गए?

जेएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा कि हम हिंसा नहीं चाहते, हम एक शांतिपूर्ण आंदोलन चाहते हैं। हिंसा उनका हथियार है, हमें किसी भी तरह से हिंसक नहीं होना है। हम किसी धर्म के खिलाफ नहीं है। हम यहां समानता के लिए आए हैं। मैं बीजेपी से पूछना चाहता हूं कि वह रावण राज चाहती है या राम राज्य?

कन्हैया कुमार ने कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा खंभा है, लेकिन उसे भी निशाना बनाया जा रहा है। हम उनके साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी पार्टी नहीं वॉशिंग मशीन है, लोकतंत्र को कमजोर कर रही है।

मेवाणी की रैली में प्रशांत भूषण ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने रैली रोक‍ने के लिए परमिशन नहीं दी. इसलिए भीड़ कम है, लेकिन एक नई शुरुआत है। उन्होंने कहा कि देश में एक नई उम्मीद जगी है, एक झूठी राजनीति के खिलाफ एक ताकत खड़ी हो रही है। यह आगे कहां तक पहुंचेगी, यह देखना होगा. यह प्यार की राजनीति है, न कि बदले की राजनीति।

प्रशांत भूषण ने राजनीतिक फंडिंग पर भी सवाल उठाया। भूषण ने कहा कि आज कल चुनाव लड़ना महंगा होता जा रहा है. प्रशांत भूषण ने बीजेपी और आरएसएस पर नफरत फैलाने का आरोप लगाया।

वहीँ लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ को काले झंडे दिखाने वाली छात्रा पूजा शुक्ला ने कहा कि वो लखनऊ में ही रहेंगी, लेकिन योगी-योगी नहीं कहेंगी. पूजा ने बताया कि उन्हें 50 दिनों तक जेल में रखा गया।

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TeamDigital