संसद के शीतकालीन सत्र पर मोदी सरकार के अहंकार की काली छाया : सोनिया
नई दिल्ली। कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि संसद का शीतकालीन सत्र बिना किसी गंभीर कारण के आगे बढ़ाया जा रहा है। इस पर मोदी सरकार के अहंकार की काली छाया है।
उन्होंने कहा कि ‘‘अगर सरकार सोचती है कि लोकतंत्र के मंदिर को बंद करके वह विधानसभा चुनावों से पहले संवैधानिक उत्तरदायित्वों से बच जाएगी तो यह गलत है. संसद के मंच पर सवाल पूछे जाने चाहिए। उच्च पदों पर भ्रष्टाचार के सवाल, मंत्रियों के हितों के टकराव और संदिग्ध रक्षा सौदों पर सवाल।’’
सोनिया गांधी ने कहा कि ‘सरकार को इन प्रश्नों के उत्तर देने होंगे, लेकिन गुजरात चुनावों से पहले सवाल-जवाब से बचने के लिए सरकार ने शीतकालीन सत्र को उसके आयोजन के समय नहीं बुलाकर एक असामान्य कदम उठाया है।’’
बता दें कि संसद की शीतकालीन सत्र परंपरागत रूप से नवंबर के तीसरे सप्ताह में शुरू होकर दिसंबर के तीसरे सप्ताह तक चलता है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने जीएसटी लागू करने के लिए पूरी तैयारी नहीं की और इसे जल्दबाज़ी में देश के ऊपर थोप दिया है। जिससे मध्यम और छोटे कारोबारियों को बड़ी मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने यह आरोप भी लगाया कि सरकार पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के योगदान को मिटाकर आधुनिक भारत के इतिहास को जबरन बदलने का प्रयास कर रही है।
इससे पहले कार्यसमिति की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव कराये जाने के मसौदे को अंतिम रूप दिया गया। जानकारी के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष के पद के चुनाव के लिए कांग्रेस सतत प्रक्रिया पूरी करेगी जैसे संगठनत्मक चुनावो में होती है।
कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए अब 1 दिसंबर को इसके लिए अधीसूचना जारी होगी, 4 दिसंबर को अध्यक्ष पद के लिए नामांकन और 16 दिसंबर को मतदान। 19 दिसंबर को वोटिंग का परिणाम जारी किया जाएगा। खास बात ये है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद की मतगणना से एक दिन पहले यानि 18 दिसंबर को हिमाचल और गुजरात चुनावों के परिणाम भी सामने आएंगे।