संघ प्रमुख मोहन भागवत के भाषण पर दिग्विजय सिंह का पलटवार
नई दिल्ली। मंगलवार को दशहरा के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मॉब लिंचिंग से लेकर आर्थिक मंदी और राष्ट्रवाद तक कई मुद्दों पर अपने विचार रखे।
संघ प्रमुख ने कहा कि भीड़ द्वारा हत्या (मॉब लिंचिंग) पर आरएसएस को बदनाम करने की साजिश रची गयी है। संघ के कार्यकर्ता हमेशा भीड़ की हिंसा को रोकने की कोशिश करते हैं।
मोहन भागवत के भाषण की अहम बातें:
मोहन भागवत ने भीड़ हत्या को लेकर कहा कि भारतीय परिप्रेक्ष्य में लिंचिंग शब्द का इस्तेमाल करना गलत है। ‘भीड़ हत्या’ (लिंचिंग) पश्चिमी तरीका है और देश को बदनाम करने के लिए भारत के संदर्भ में इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। भागवत ने कहा कि यह शब्द भारत को बदनाम करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
भागवत ने कहा कि कानून और व्यवस्था की सीमा का उल्लंघन कर हिंसा की प्रवृत्ति समाज में परस्पर संबंधों को नष्ट कर अपना प्रताप दिखाती है। यह प्रवृत्ति हमारे देश की परंपरा नहीं है,न ही हमारे संविधान में यह बैठती है। कितना भी मतभेद हो, कानून और संविधान की मर्यादा के अंदर ही,न्याय व्यवस्था में चलना पड़ेगा।
देश में आर्थिक मंदी को लेकर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि देश में आर्थिक मंदी नहीं है क्योंकि देश पांच प्रतिशत की दर से विकास कर रहा है।
हिन्दू राष्ट्र को लेकर मोहन भागवत ने कहा किसंघ ‘भारत एक हिंदू राष्ट्र’ के अपने नजरिये पर अडिग है। राष्ट्र के वैभव और शांति के लिये काम कर रहे सभी भारतीय “हिंदू” हैं।
अपने दावे को पुख्ता करने के लिए मोहन भागवत ने कहा कि जो भारत के हैं, जो भारतीय पूर्वजों के वंशज हैं व सभी विविधताओं का स्वीकार, सम्मान व स्वागत करते हुए आपस में मिलजुल कर देश का वैभव व मानवता में शांति बढ़ाने का काम करने में जुट जाते हैं वे सभी भारतीय हिंदू हैं।
संघ प्रमुख ने दोबारा चुनकर आई मोदी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि जन अपेक्षाओं को प्रत्यक्ष में साकार कर, जनभावनाओं का सम्मान करते हुए, देशहित में उनकी इच्छाएं पूर्ण करने का साहस दोबारा चुने हुए शासन में है। धारा 370 को अप्रभावी बनाने के सरकार के काम से यह बात सिद्ध हुई है।
दिग्विजय सिंह का पलटवार :
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने संघ प्रमुख द्वारा अपने भाषण में मॉब लिंचिंग से आरएसएस का कोई सरोकार न होने की बात कही जाने पर पलटवार किया है।
दिग्विजय ने कहा कि जिस दिन वह इस संदेश का पालन करने लगेंगे उस दिन देश में भीड़ द्वारा की गई हत्या एवं नफरत जैसी सारी समस्या समाप्त हो जाएगी।
एक न्यूज़ चैनल से बात करते हुए दिगिवजय सिंह ने कहा कि “मोहन भागवत जी एकजुटता का संदेश देकर उसका पालन करने लगेंगे, प्रेम एवं सदभाव तथा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का रास्ता अपना लेंगे उस दिन सारी समस्या समाप्त हो जाएगी।” उन्होंने कहा कि “भीड़ की हत्या खत्म हो जाएगी और नफरत भी समाप्त हो जाएगा, शिकायतें भी नहीं रहेंगी।”
कांग्रेस ने भी साधा निशाना:
मोहन भागवत के भाषण पर महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने एक बयान में कहा कि भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या की घटनाओं को अंजाम लेने वाले लोग आरएसएस की विचारधारा से आते हैं।
सावंत ने कहा, ‘‘आरएसएस का लिंचिंग से कोई लेना नहीं है, यह कहना वैसा ही झूठ है जैसे यह कहना झूठ है कि आरएसएस एक सांस्कृतिक संगठन है, जातिवाद का विरोधी है, आरक्षण का समर्थक है और संविधान तथा तिरंगे का सम्मान करता है।” उन्होंने कहा कि ‘‘झूठ फैलाना संघ परिवार की विचारधारा है।”