संघ और जमात के सदस्यों को केंद्र की नौकरियों में शामिल होने की मिल सकती है अनुमति
नई दिल्ली । अब जल्दी ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और जमात-ए-इस्लामी के सदस्यों को अब सरकारी नौकरियां करने का रास्ता खुल सकता है । बता दें कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने नौकरियों में उनके प्रवेश को प्रतिबंधित करने वाले पांच दशक पुराने आदेश को वापस लेने का वादा किया है।
इससे पहले यह खबरें आई थी कि गोवा में सरकारी नौकरियों में भर्ती के दौरान केंद्र सरकार के एक विभाग ने उसी आदेश का हवाला देकर अभ्यर्थियों से घोषणापत्र देने को कहा है कि उनका आरएसएस से कोई संबंध नहीं है। इस पर कार्मिक एवं प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘केंद्र सरकार ने हाल में ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है। अगर ऐसा कोई पुराना आदेश है, तो हम गृह मंत्रालय के साथ मिलकर उसकी समीक्षा करेंगे।’
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गृह मंत्रालय ने इस संबंध में पहला आदेश 1966 में जारी कर नए रंगरूटों द्वारा यह घोषणापत्र दिया जाना अनिवार्य कर दिया था कि वे संघ और जमात-ए-इस्लामी के सदस्य नहीं हैं। आदेश के अनुसार, आरएसएस या जमात-ए-इस्लामी के सदस्यों को केंद्र सरकार में नौकरी नहीं दी जाएगी। यही सरकारी ज्ञापन 1975 और 1980 में दोबारा जारी किया गया और सभी मंत्रालयों तथा विभागों को भेजा गया।