शीतकालीन सत्र को लेकर सस्पेंस बरकरार
नई दिल्ली। नवंबर का आधा महीना बीत चूका है लेकिन शीतकालीन सत्र का अभी कुछ अता पता नहीं है। आम तौर पर 15 नवंबर तक शुरू हो जाने वाले शीतकालीन सत्र को सरकार क्यों टाल रही है तथा शीतकालीन सत्र कब से शुरू होगा, इस बारे में भी सरकार की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।
आमतौर पर एक माह तक चलने वाला शीतकालीन सत्र नवम्बर के तीसरे हफ्ते तक शुरू हो जाता था और उसके लिए ज़रूरी है कि सत्र शुरू होने से 21 दिनों पहले सभी सदस्यों को सूचित कर दिया जाए।
आज दिन तक सदस्यों के पास सूचना न पहुँचने का मतलब है कि अगले 21 दिनों तक शीतकालीन सत्र का आयोजन नहीं किया जा रहा। इसलिए इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि गुजरात चुनाव के मद्देनज़र सरकार शीतकालीन सत्र को टाल रही है।
वहीँ यह भी कहा जा रहा है कि सरकार शीतकालीन सत्र की अवधि छोटी कर सकती है। आम तौर पर एक महीने तक चलने वाला शीतकालीन सत्र इस बार 15 दिनों का भी हो सकता है।
गुरूवार को कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस मुद्दे पर मंत्रिमण्डल की संसदीय मामलों की समिति फैसला करेगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा किए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए प्रसाद ने संवाददाताओं से यह बात कही कि सत्र के कार्यक्रम के बारे में फैसला कैबिनेट की संसदीय मामलों की समिति तय करेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘(संसदीय मामलों के मंत्री) अनंत कुमार उनके (कैबिनेट की संसदीय मामलों की समिति के सदस्यों) के साथ संपर्क में हैं…यदि मंत्री लोगों से संपर्क करते हैं तो इसमें समस्या क्या है. नरेन्द्र मोदी सरकार के मंत्री संभ्रातवादी नहीं हैं जो केवल ट्वीट करें।’’ उन्होंने यह बात इस प्रश्न पर कही कि क्या संसद का शीतकालीन सत्र गुजरात चुनाव में घर घर जाकर संपर्क करने के प्रधानमंत्री एवं अन्य मंत्रियों के व्यस्त कार्यक्रम की भेंट चढ़ जाएगा।
आम तौर पर शीतकालीन सत्र नवंबर के तीसरे हफ्ते में शुरू होता है. बीते साल ये सत्र 16 नवंबर से शुरू होकर 16 दिसंबर तक चला था। वहीँ सूत्रों की माने तो मोदी सरकार गुजरात विधानसभा चुनाव की वजह से संसद के शीतकालीन सत्र को दिसंबर के पहले हफ्ते से शुरू करने पर सोच रही है।
गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए दो चरणों में नौ और 14 दिसंबर को मतदान होना है. हिमाचल में चुनाव संपन्न होने के बाद अब पूरा फोकस गुजरात चुनाव पर आ गया है।
संसद के शीतकालीन सत्र में देरी पर कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने केंद्र की मोदी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि हम प्रधानमंत्री से पूछना चाहते हैं कि संसद का शीतकालीन सत्र बुलाने से सरकार क्यों डर रही है।