शिवराज सरकार द्वारा बांटे गए जूते चप्पलो में कैंसर वाले रसायन

भोपाल। एन चुनाव के मौके पर मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार के लिए नई मुसीबत पैदा हो गयी है। सरकार द्वारा तेंदूपत्ता संग्राहकों को बांटे जा रहे जूते-चप्पल में कैंसर कारक रसायन के इस्तेमाल की खबर अब मुख्यमंत्री शिवराज के गले की हड्डी बन गयी है। जिसे न सरकार से उगलते बन रहा है न निगलते।
इस मामले में सामने आयी जानकारी के अनुसार सरकार ने जूते-चप्पल सप्लाई का काम चार नामी कंपनियों को दिया है, जिसमें से एक कंपनी के जूते-चप्पल में खतरनाक रसायन के इस्तेमाल की रिपोर्ट आई है। मध्यप्रदेश सरकार ने ही केंद्रीय चर्म अनुसंधान संस्थान, चेन्नई से जूते-चप्पल के सैंपल की जांच कराई थी।
केन्द्रीय चर्म अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. केजे श्रीराम की रिपोर्ट के मुताबिक जूते-चप्पल के अंदर काले रंग के तलवे (इनर सोल) में एजेडओ रसायन मिला है। पांव में कांटा लगने, कटने या छाले पडऩे पर यह शरीर में चला जाता है। पसीना आने पर भी यह रसायन त्वचा में जा सकता है। नतीजन त्वचा का कैंसर होने की आशंका ज्यादा रहती है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय 23 जून 1997 को एजेडओ डाई रसायन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा चुका है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने 20 मई को शिवपुरी के पोहरी में बड़ा कार्यक्रम कर तेंदूपत्ता संग्राहकों को जूते-चप्पल, पानी बॉटल और साड़ी बांटने की शुरुआत की थी। सरकार अब तक करीब 10 लाख आदिवासियों को जूते-चप्पल बांट चुकी है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि जूते-चप्पल बांटने की योजना कमीशनखोरी के लिए की गई। ये बेहद शर्म की बात है और इसकी बड़ी जांच होनी चाहिए, लाखों तेंदूपत्ता संग्राहक आदिवासी भाई-बहनों को शिवराज सरकार द्वारा बांटे गये जूते-चप्पलों में केंद्रीय चर्म संस्थान की रिपोर्ट मे कैंसर की संभावना वाले रसायन के मिलने का खुलासा, चिंतनीय, आखिर जान से खिलवाड़ की इजाजत कैसे?
कांग्रेस के आरोपों से बौखलाई बीजेपी के मंत्री ने आनन फानन में सफाई ज़रूर दी लेकिन वह सफाई केन्द्रीय चर्म अनुसंधान संस्थान की रिपोर्ट के आगे झूठी साबित हुई।
शनिवार को वन मंत्री गौरीशंकर शेजवार ने पत्रकार वार्ता कर इस मुद्दे पर सफाई देते हुए दावा किया कि हमने जूते चप्पलों के वितरण पर रोक लगा दी है और करीब 2.35 लाख जूते-चप्पल बदलने के लिए कंपनी को कहा है। वन मंत्री ने केमिकल रसायन के बारे में कुछ भी कहने से मना कर दिया। वन मंत्री ने कहा कि जितने भी जूता चप्पल बांटा गया है, उसमें बिलकुल भी खतरनाक रसायनिक पदार्थ नहीं पाया गया है, जिससे किसी तरह का खतरा हो।