शिया वक़्फ़ बोर्ड के हलफनामे पर शिया धर्मगुरुओं ने उठाये सवाल

शिया वक़्फ़ बोर्ड के हलफनामे पर शिया धर्मगुरुओं ने उठाये सवाल

लखनऊ। सुर्पीमकोर्ट में रामजन्म भूमि बाबरी मस्जिद विवाद की सुनवाई के दौरान शिया वक़्फ़ बोर्ड द्वारा दाखिल किये गए हलफनामे पर शिया धर्म गुरुओं से ही सवाल उठाये हैं।

शिया वक़्फ़ बोर्ड द्वारा सुप्रीमकोर्ट को दिए गए हलफनामे कहा गया था कि बाबरी मस्जिद को विवादित स्थल से दूर मुस्लिम आबादी में बना दिया जाए तथा यदि सरकार शिया वक़्फ़ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए जगह देती है तो वे इस मामले में अपना दावा छोड़ सकता है।

शिया समुदाय और शिया धर्मगुरूओं ने यूपी शिया वक़्फ़ बोर्ड के इस क़दम की कड़े शब्दों में निंदा की है। देश में शिया धर्मगुरूओं के प्रमुख संगठन मजलिसे ओलमाए हिंद ने एक बयान जारी करके इसे शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच मतभेद पैदा करने और फूट डालने की एक साज़िश बताया है।

मजलिसे ओलमाए हिंद के बयान में कहा गया है कि “शिया वक़्फ़ बोर्ड के इस हलफ़नामे में कई विरोधाभास पाए जाते हैं। मस्जिद अल्लाह की इबादत का एक पवित्र स्थल होती है और यह शिया या सुन्नियों की संपत्ति नहीं होती। हां, केयर-टेकर या मुतवल्ली शिया या सुन्नी हो सकते हैं”।

शिया धर्मगुरूओं का कहना है कि “जांच एजेंसियों ने शिया वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन को वक़्फ़ संपत्तियों को अवैध रूप से बेचने और वित्तीय घोटाले में लिप्त पाया है, इसलिए वह अपने अपराधों पर पर्दा डालने और सज़ा से बचने के लिए इस तरह के हथकंडे अपना रहे हैं”।

 

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TeamDigital