व्याकुल है नीतीश कुमार, चुनाव परिणामो का कर रहे इंतज़ार !

व्याकुल है नीतीश कुमार, चुनाव परिणामो का कर रहे इंतज़ार !

पटना ब्यूरो। बिहार एनडीए में सब कुछ ठीक नहीं हैं। लोकसभा चुनाव में भले ही बीजेपी और जनता दल यूनाइटेड एक मंच पर खड़े हैं लेकिन कुछ अहम मुद्दों को लेकर बीजेपी और जदयू में आज भी मतभेद बरकरार हैं।

जदयू सूत्रों की माने तो अब तक हुए चार चरणों के चुनाव के बाद आयी रिपोर्ट को लेकर पार्टी के अंदर बेचैनी है। पार्टी नेता अब ये मानने लगे हैं कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी से हाथ मिलाना बुद्धिमानी भरा फैसला नहीं था।

सूत्रों ने कहा कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी से गठबंधन करने के चलते जदयू का अल्पसंख्यक और दलित वोट बैंक उसके हाथो से खिसकने के कारण अब यह गठबंधन जदयू के लिए घाटे का सौदा साबित होता दिख रहा है।

सूत्रों ने कहा कि बीजेपी से यह पहले तय हो चूका था कि किसी भी राजनैतिक मंच से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में कोई भी बीजेपी नेता न तो सांप्रदायिक भाषा का इस्तेमाल करेंगे और न ही किसी समुदाय विशेष को लेकर टिप्पणी करेंगे।

इस सब के बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा मंच से वन्देमातरम के नारे लगाये गए जो न तो नीतीश कुमार को अच्छा लगा और न ही जनता दल यूनाइटेड के नेताओं को भाया।

सूत्रों ने कहा कि बिहार में जनता दल यूनाइटेड और नीतीश कुमार की छवि बीजेपी से अलग है। नीतीश कुमार एक सेकुलर नेता के तौर पर जाने जाते हैं। वे अल्पसंख्यको के कार्यक्रम में भी शामिल होते रहे हैं लेकिन बीजेपी से गठबंधन कर लोकसभा चुनाव लड़ने के फैसले से कहीं न कहीं जदयू का वो मतदाता टूटकर राजद और कांग्रेस में चला गया जिसके बूते जनता दल यूनाइटेड कई सीटें जीतने का भरोसा रखती थी।

सूत्रों ने कहा कि बीजेपी और जदयू के बीच पहले से कई मुद्दों पर टकराव है। जनता दल यूनाइटेड कश्मीर से धारा 370 हटाने से लेकर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण जैसे मुद्दों पर बीजेपी से अलग राय रखती रही है। लेकिन बीजेपी जदयू के संयुक्त मंच से बीजेपी नेताओं द्वारा मंच से धार्मिक नारे लगवाने, कश्मीर से धारा 370 हटाने और अल्पसंख्यको को निशाना बनाने वाले बयान दिए जाने से स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आहत बताये जाते हैं।

सूत्रों ने कहा कि फ़िलहाल लोकसभा चुनाव सम्पन्न होने का इंतज़ार किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक जदयू का एक गुट नरेंद्र मोदी को पुनः पीएम बनाने के लिए बीजेपी को समर्थन करने के पक्ष में नहीं है। ऐसे में माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद जदयू अपने सभी फैसलों पर पुनर्विचार करे।

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TeamDigital