वीडिओ: बीजेपी नेता पर सत्ता का नशा: इंस्पेक्टर को थप्पड़ जड़ा, धक्का मुक्की
मेरठ। यहाँ सत्ता के नशे में चूर एक बीजेपी नेता द्वारा पुलिस के साथ न सिर्फ धक्का मुक्की करने बल्कि एक इंस्पेक्टर को थप्पड़ जड़ने का मामला प्रकाश में आया है। शनिवार शाम को जब मेरठ के परतापुर तिराहे पर पुलिस चेकिंग के दौरान एक बीजेपी नेता की एसयूवी पर लगा हूटर उतारने के लिए कहा गया तो भाजपाइयों ने आपा खो दिया।
सत्ता के नशे में चूर भाजपा नेता संजय त्यागी ने न सिर्फ इंस्पेक्टर की वर्दी पर हाथ डाल दिया बल्कि चांटा भी जड़ दिया और सीओ से हाथापाई कर दी। पुलिस भी बीजेपी नेता के बेटे को पीटते हुए थाने तक ले गई। हाईवे से थाने तक घंटों हंगामा चलता रहा।
जानकारी के अनुसार डिफेंस एन्क्लेव निवासी संजय त्यागी बीजेपी के दक्षिण विधानसभा क्षेत्र का प्रभारी हैं। उसका बेटा अंकित त्यागी शनिवार शाम एसयूवी गाड़ी से दिल्ली रोड पर जा रहा था। परतापुर तिराहे पर चेकिंग कर रहे इंस्पेक्टर सुशील दुबे ने हूटर बजते देख बीजेपी नेता की गाड़ी रोक ली। आरोप है कि गाड़ी में बैठे अंकित ने रौब गालिब किया कि यह वीआईपी गाड़ी है और तुम्हारी इसको रोकने की हिम्मत कैसे हुई।उसने पुलिस से गाली गलौज करते हुए वर्दी उतरवाने की धमकी दे डाली।
#WATCH Tussle between BJP leader Sanjay Tyagi & Police in Meerut after his son was stopped for tinted windows on his car. pic.twitter.com/NU3PtdqdEX
— ANI UP (@ANINewsUP) April 9, 2017
‘हिंदुस्तान’ के अनुसार संजय त्यागी ने इंस्पेक्टर को पकड़कर खींच लिया, जिसमें इंस्पेक्टर की वर्दी फट गई। इतना ही नहीं भाजपाइयों ने इंस्पेक्टर के गिरेबान पर भी हाथ डाल दिया। इसके बाद पुलिस भी आपा खो बैठी और अंकित को पीटते हुए उसके बाल खींचकर थाने ले गई।
एसपी सिटी आलोक प्रियदर्शी समेत दो सीओ व कई थानों की पुलिस परतापुर थाने पहुंच गई। भाजपाइ कहते रहे कि यह सपा सरकार की पुलिस है जो गरीब भाजपाइयों को पीट रही है। इस दौरान भाजपाइयों ने सीओ धर्मेंद्र चौहान से भी हाथापाई का प्रयास किया और नोकझोंक के दौरान सस्पेंड कराने की धमकी दी। तमाम जद्दोजहद के बाद पुलिस ने एसयूवी से हूटर उतारते हुए गाड़ी सीज कर दी और अंकित की डॉक्टरी कराकर उसे परिजनों के सुपुर्द कर दिया। इसके बाद मामला शांत हो सका।
भाजपाइयों और पुलिस के बीच हुए टकराव की वीडियो पलभर में टीवी चैनलों और सोशल साइट पर वायरल हो गई। इसके बाद मेरठ से लखनऊ और दिल्ली तक फोन घनघनाने लगे। इस बीच इंस्पेक्टर पर अफसरों के फोन आए तो उन्होंने भावुक होकर साफ कहा कि ऐसे दबाव में वह काम नहीं करेंगे।