विपक्ष के साझी विरासत सम्मेलन में बोले राहुल: विपक्ष मिलकर बीजेपी को हराएगा

विपक्ष के साझी विरासत सम्मेलन में बोले राहुल: विपक्ष मिलकर बीजेपी को हराएगा

नई दिल्ली। वरिष्ठ नेता शरद यादव द्वारा आयोजित किये जा रहे विपक्ष के साझी विरासत बचाओ सम्मेलन के 6वे संस्करण में आज दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में सम्मेलन का आयोजन किया गया।

सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा के लोग देश को सोने की चिड़िया मानते हैं लेकिन हम देश को गंगा मानते हैं।

उन्होंने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के एक बयान का हवाला देते हुए कहा, ”मीडिया वाले पूछते हैं कि विपक्ष के लोग भाजपा एवं आरएसएस के खिलाफ खड़े हैं, लेकिन सबकी विचारधाराएं अलग हैं। सोचने पर पता चला कि देश के दो अलग नजरिए हैं। एक नजरिया भाजपा अध्यक्ष ने पेश किया है कि भारत सोने की चिड़िया है। दूसरा यह है कि हम देश को गंगा या नदी की तरह मानते हैं जो सबकी है और सबको साथ लेकर चलती है।’’

गांधी ने कहा, ”उनके लिए यह देश सोने की चिड़िया है। लेकिन जब हम देश को देखते हैं तो उसे नदी की तरह देखते हैं। यह देश हमारे लिए गंगा की तरह है।” उन्होंने कहा, ‘‘अंग्रेज भी भारत को सोने की चिड़िया कहते थे। अमित शाह ने भी यही कहा है। वह इस चिड़िया को पिंजरे कैद कर रहे हैं। सोने की चिड़िया का फायदा उनके 10-15 उद्योगपति मित्रों को मिलता है। भाजपा का लक्ष्य सोने की चिड़िया को पिंजरे में बंद करके लूटना है।”

गांधी ने राफेल मामले को उठाते हुए कहा कि 526 करोड़ रुपये का विमान 1600 करोड़ रुपये में खरीदा है। जिस उद्योगपति को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया उसपर 45 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है।

उन्होंने कहा कि संसद में प्रधानमंत्री राफेल पर एक शब्द नहीं बोले। बहुत सारे मुद्दे पर बोले लेकिन चौकीदार राफेल पर कुछ नहीं बोले। उन्होंने कहा, ”हम सब मिलकर भाजपा को राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ तथा समूचे देश से बाहर करेंगे। हम भाजपा मुक्त नहीं चाहते हम सिर्फ उनकी विचारधारा को हराना चाहते हैं।”

बता दें कि इस सम्मेलन में आम आदमी पार्टी को छोड़कर विपक्ष के 17 दलों को आमंत्रित किया गया। इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नारा चंद्रबाबू नायडू, जनता दल सेक्युलर के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, द्रविड़ मुनेत्र कड़घम के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन को आमंत्रित किया गया था।

इस सम्मेलन को पूर्व प्रधानमन्त्री डा मनमोहन सिंह, कम्युनिस्ट नेता सीताराम येचुरी, शरद यादव, फारुक अब्दुल्ला सहित कई कद्दावर नेताओं ने संबोधित किया।

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