वाराणसी की धर्म संसद में हुआ सीएम योगी के इस प्रस्ताव का विरोध

वाराणसी की धर्म संसद में हुआ सीएम योगी के इस प्रस्ताव का विरोध

वाराणसी। यहाँ चल रही धर्म संसद में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के उस प्रस्ताव का विरोध किया गया जिसमे अयोध्या में भगवान राम की आदमकद प्रतिमा स्थापित करने की बात कही गयी थी।

परमधर्म संसद में मौजूद अधिकतर साधू संतो ने योगी आदित्यनाथ के प्रस्ताव से असहमति दिखाते हुए कहा कि खुले में मूर्ति स्थापित करना ठीक नहीं। धर्म संसद में यह भी कहा गया कि प्रतिमा महापुरुषों की होतीजबकि भगवान की प्रतिमा की पूजा होती।

साधू संतो ने कहा कि अयोध्या में सिर्फ राम मंदिर बने। परम धर्माधीष स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि भगवान की प्रतिमा का प्राण प्रतिष्ठा होती है। उसके बाद उसकी पूजा अर्चना शुरू की जाती है।

धर्म संसद में कहा गया कि भगवान श्रीराम हमारे आराध्य हैं। योगी आदित्यनाथ अयोध्या में जिस आदमकद मूर्ति की स्थापना की बात कर रहे हैं उसकी पूजा अर्चना नहीं होगी। ऐसे में यह हमारी आस्था के खिलाफ है।

इससे पहले कल धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा, “हम ये चाहते हैं कि आराध्य राम का मंदिर सबके साथ मिलकर बनाया जाए। हम किसी के साथ राग द्वेष से नहीं बल्कि श्रद्धा के द्वारा मंदिर बनाना चाहते हैं।”

उन्होंने कहा कि अयोध्या में जो धर्मसभा आयोजित की गयी है वह पूरी तरह राजनैतिक है। अयोध्या में धर्मसभा करने वाले राजनीतिक लोग हैं। उन्होंने कहा कि वे अयोध्या में स्मारक बनाना चाहते हैं जबकि हम उपासना गृह बनाना चाहते हैं।

बता दें कि रविवार को विश्व हिन्दू परिषद और हिन्दू संगठनों द्वारा धर्म सभा का आयोजन किया गया था। इसमें विहिप, बीजेपी, बजरंग दल के पदाधिकरियों के अलावा कई हिन्दू संगठनों के नेताओं ने भाग लिया था।

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TeamDigital