लोकसभा चुनाव से पहले नमो ब्रिगेड बनाने वाला है RTI कार्यकर्ता की हत्या का आरोपी, फरार
मंगलुरु । साल 2014 में लोकसभा चुनावों के दौरान नरेंद्र मोदी के लिए समर्थन जुटाने के लिए नमो ब्रिगेड का फाउंडर नरेश शिनॉय को एक आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी बनाया गया है।
मंगलूरु में गुरुवार को मजिस्ट्रेट कोर्ट में जमा की गर्इ चार्जशीट में 39 वर्षीय नरेश का नाम एक नंबर आरोपी के रूप में लिखा गया है। पुलिस ने यह चार्जशीट आरटीआर्इ कार्यकर्ता विनायक बालिगा की हत्या के मामले में पेश की है।
चार्जशीट में शिनॉय के कर्मचारी श्रीकांत मूल्या और छह अन्य लोगों के भी नाम हैं। मूल्या पर आरोप है कि उसने शिनॉय और हत्यारों को मिलाने का काम किया। वह भी हत्या के बाद से फरार है। चार्जशीट में शामिल अन्य नामों में कांट्रेक्ट किलर निशित देवाडिगा और विनित पुजारी, हत्यारों को हायर करने के आरोपी शिवप्रसाद, हत्यारों की मदद के आरोपी शैलेश और मंजूनाथ हैं। विनायक बालिगा की 21 मार्च को हत्या कर दी गई थी।
बालिगा घर से वेंकटरमण मंदिर के लिए निकले ही थे कि 75 मीटर दूर उनकी हत्या कर दी गई। उन्होंने मंगलूरु में असामाजिक गतिविधियों के खिलाफ कई आरटीआई दाखिल कर रखी थी। इनमें एक आरटीआई वेंकटरमण मंदिर में फंड की अनियमितताओं के खिलाफ भी दायर की गई थी। बताया जाता है कि नरेश शिनॉय मंदिर प्रशासन का करीबी था।