लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराये जाने की संभावना को आयोग ने किया ख़ारिज
नई दिल्ली। देश में लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव कराये जाने की संभावना को चुनाव आयोग ने ख़ारिज कर दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत ने ऐसी संभावनाओं को ख़ारिज करते हुए कहा कि बिना कानून बनाये ऐसा मुमकिन नही है।
पत्रकारों से बात करते हुए रावत ने कहा कि मौजूदा ढांचे में इसकी कोई संभावना नहीं है। मालूम हो कि आम चुनाव अगले साल अप्रैल-मई में संभावित है, वहीं मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम विधानसभा के चुनाव भी इस साल के अंत में होने हैं।
इससे पहले एक देश एक चुनाव को लेकर बीजेपी ने मांग उठायी थी। लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव कराये जाने के लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने विधि आयोग के अध्यक्ष को पत्र भी लिखा था।
एक देश एक चुनाव की मांग को लेकर बीजेपी का तर्क है कि इससे सरकारी खर्च बचेगा और देश में हर समय चुनाव नही चलते रहेंगे। वहीँ विपक्ष इसे बीजेपी की चाल बता रहा है।
इतना ही नही एनडीए में सहयोगी जनता दल यूनाइटेड भी बीजेपी की मांग से सहमत नही है। हाल ही में बिहार के सीएम और जदयू नेता नीतीश कुमार ने बीजेपी की एक देश एक चुनाव की मांग से असहमति जताई थी। उन्होंने कहा था कि विचार अच्छा है लेकिन फिलहाल यह संभव नही हो सकता।
वहीँ दूसरी तरफ एक देश एक चुनाव की बीजेपी की मांग को लेकर तरह तरह के कयास लगाये जा रहे हैं। अहम सवाल यह भी है कि जिन राज्यों में हाल ही में चुनाव हुए हैं क्या उन राज्यों में भी फिर से चुनाव कराये जायेंगे? ऐसी स्थति में उत्तर प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, त्रिपुरा आदि के बारे में बीजेपी क्या सोचती है यह अभी तक साफ़ नही।