लोकसभा अध्यक्ष की मौजूदगी में संघ की महिला शाखा की प्रमुख ने कहा ‘जहां भी मुसलमान ज्यादा होंगे, वहां खड़ी करेंगे मुश्किल’
नई दिल्ली । राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ(आरएसएस) की महिला विंग ‘राष्ट्रीय सेविका समिति’ ने बुधवार (6 जुलाई) को अपने कार्यक्रम में इस्लाम की आलोचना करते हुए उसे ‘आतंक की जड़’ करार दिया। यह कार्यक्रम दिल्ली में हुआ था और सबसे बड़ी बात यह कि इसमें लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन भी शामिल हुई थीं। वह ‘आतंकवाद: एक वैश्विक समस्या’ नाम के इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुई थीं।
कार्यक्रम में ‘राष्ट्रीय सेविका समिति’ की प्रमुख आशा शर्मा ने कहा कि इस्लाम कोई धर्म नहीं बल्कि राजनीतिक साजिश है। सीमा ने कहा, ‘जहां इस्लाम जाता है, वहां पर विध्वंस साथ लेकर के गया है। यह इतिहास है इससे हम इंकार नहीं कर सकते।’
सीमा यहीं नहीं रुकीं, उन्होंने आगे कहा, ‘आज भी उनकी सोच यही है। जहां 10 प्रतिशत हैं, वहां पर चुप कर के रहेंगे, 15 प्रतिशत हो गए तो अपनी बात कहकर चुप करेंगे, 25 प्रतिशत हो गए तो अपनी बात को मनवाने का प्रयास करेंगे और ज्यादा बढ़ गए तो किसी की बात सुनेंगे नहीं।’
इसके साथ ही सीमा ने ईसाई धर्म को भी निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि इस्लाम, शिक्षा की कमी की वजह से पैदा हुआ है और ईसाई धर्म, गरीबी की वजह से। उन्होंने कहा, ‘जहां शिक्षा है वहां इस्लाम नहीं है, जहां-जहां शिक्षा बढ़ रही है, जहां समृद्धि आई है वहां ये दोनों धर्म धीरे-धीरे खत्म हो रहे हैं। जहां गरीबी है वहां ईसाई धर्म है। गरीबी दूर होगी को क्रिस्चेनिटी का प्रभाव धीरे-धीरे कम हो जाएगा।’
कार्यक्रम में सुमित्रा महाजन ने भी अपने विचार रखे। बांग्लादेश हमले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘रमजान के दिनों में इस प्रकार से गोलियां चलाने वाले मुसलमान नहीं हो सकते।’ यहा कार्यक्रम इस समिति की संस्थापक लक्ष्मीबाई केलकर के जन्मदिवस पर करवाया गया था। इस समिति से लगभग 3 लाख महिलाएं जुड़ी हुई हैं। समिति का कहना है कि भारत के अलावा 45 देशों में भी उनके सदस्य हैं।