लोकपाल की न्युक्ति के लिए 1 मार्च को बैठक, एनसीपी ने कहा ‘संघ के कहने पर नींद से जागे अन्ना’

लोकपाल की न्युक्ति के लिए 1 मार्च को बैठक, एनसीपी ने कहा ‘संघ के कहने पर नींद से जागे अन्ना’

मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का आरोप कि तीन वर्ष तक सोने के बाद सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कहने पर लोकपाल का मुद्दा उठाया है।

हजारे द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी गयी चिट्ठी पर प्रतिक्रिया जताते हुए एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि हजारे साढ़े तीन साल की नींद के बाद जागे हैं और संघ के निर्देश पर सक्रियता दिखाते हुए लोकपाल व लोकायुक्त की नियुक्ति और स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों पर अमल का मुद्दा उछाला है।जबकि लोकपाल का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।

उन्होंने कहा कि लोकपाल की न्युक्ति को लेकर केंद्र का कहना है कि नेता विपक्ष का पद खाली है इसलिए लोकपाल की नियुक्ति नहीं की जा सकती है। जैसे ही इस केस का फैसला होगा, लोकपाल की नियुक्ति कर दी जाएगी।

एनसीपी प्रवक्ता ने कहा कि अन्ना हजारे ठीक इसी समय आंदोलन की धमकी देकर संघ के समर्थन से अपनी छवि चमकाने की कोशिश कर रहे हैं। यह पूर्वनियोजित ड्रामा है जिसका राज जल्दी ही खुल जाएगा।

वहीँ दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि लोकपाल की नियुक्ति की कवायद शुरू कर दी है। मालूम हो कि लोकपाल एवं लोकायुक्त कानून, 2014 अस्तित्व में आ गया है, लेकिन अब तक लोकपाल की नियुक्ति नहीं हो सकी है।

केंद्र सरकार के अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि लोकपाल की नियुक्ति की कवायद शुरू हो गई है और इसी क्रम में 1 मार्च को प्रधानमंत्री, प्रधान न्यायाधीश, लोकसभा अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे वाली चयन समिति की बैठक प्रस्तावित है।

वेणुगोपाल ने बताया कि चूंकि लोकसभा में किसी भी दल को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं है, लिहाजा सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को समिति का हिस्सा बनाया गया है। साथ ही कहा कि चयन समिति की बैठक में इसलिए देरी हुई, क्योंकि समिति के सदस्य वरिष्ठ वकील पीपी राव का पिछले वर्ष सितंबर में निधन हो गया था।

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