लोकतंत्र की जो तस्वीर दिखाई जा रही है वो खतरनाक तस्वीर है : अखिलेश
लखनऊ। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में सहारनपुर सहित अलग अलग जगह हुई हिंसा और पुलिस पर हो रहे हमलो पर योगी आदित्यनाथ सरकार और बीजेपी पर निशाना साधा है।
उन्होंने कहा कि हम पर आरोप लगता था कि गुंडों की पार्टी है, थाने में गुंडे हैं। हमें भी गुंडा कहा गया क्योंकि हम अगर नेतृत्व कर रहे हैं तो हम भी हुए। हमारे वक्त में हर घटना में टीवी में हमारी फोटो लगाकर खबरें चलाते थे। बदायूं की घटना में तीन महीने मेरी फोटो लगाकर खबर चलाई गई। अब किसी की हिम्मत नहीं है जो फोटो लगा दे।
उन्होंने कहा कि हमारे समय में तो गुंडाराज कहा जाता था अब तो हिम्मत नहीं है किसी की शिकायत कर दें। अब सरकार की सहारनपुर से परीक्षा है कि वे अपने विधायकों और सांसदों पर कितनी कार्रवाई करेंगे। अखिलेश ने कहा, लोकतंत्र की जो तस्वीर दिखाई जा रही है वो खतरनाक तस्वीर है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, आपने यूपी की जनता से कहा कुछ और था और कर क्या रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में में हुए नक्सली हमले पर अखिलेश यादव ने कहा कि जो घटना हुई है वो दुखद है। अब और कितनी जाने जाएगी? सरकार ने कहा था नोटबंदी से सबसे बड़ा नुकसान नक्सलवाद को होगा। अखिलेश ने मांग की कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सरकार को रोडमैप तैयार करना होगा। सरकार आसानी से पता कर सकती है कि असलहे और बारूद कहां से आ रहे हैं। बातचीत और सख्ती दोनों रास्ते खुले होने चाहिए। ये कोई छोटा मामला नहीं है।
ईवीएम पर अखिलेश ने फिर सवाल उठाया कि हर जगह बटन दबाने पर कमल को ही वोट क्यों जाता है, साइकिल पर क्यों नहीं जाता। अगर आदमी मशीन ठीक करता है तो आदमी ही खराब भी कर सकता है।
योगी सरकार के महापुरुषों की छुट्टियां रद्द करने के सावल करने पर अखिलेश ने कहा, मैं समझता हूं, समाजवादी लोगों ने सबसे ज्यादा छुट्टी बढ़ाई। कुल्हाड़ी पेड़ तभी काटती है जब उसमें लकड़ी लगी रहती है। हो सकता है कि मैंने तभी छुट्टी की हो जब कुछ लोग मेरे पास सिफारिश लेकर आएं हों।
अखिलेश ने कहा, मुझे एक सीनियर पत्रकार ने कहा था, आपके चुनाव हारने का कारण ये भी है कि आपके घर का झगड़ा टीवी पर बहुत चला। अखिलेश बोले, अरे टीवी वालों हमारा ही घर मिला, दूसरों के घर में भी लड़ाइयां होती हैं।
अखिलेश ने कहा, विधानसभा में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाएंगे। एंटी रोमियो स्क्वायड वही पुलिस है बस नाम बदल दिया गया। एंबुलेंस से समाजवादी हटा दिया अब लैपटॉप से फोटो हटाने की कोशिश हो रही है। समाजवादी पेंशन के लिए पैसा नहीं होगा बहाना कर दिया कि जांच करेंगे। गरीबों की जांच क्या जांच की जाएगी।