लालू यादव रहेंगे यूपी चुनाव से दूर, नीतीश उतारेंगे जेडीयू उम्मीदवार

नई दिल्ली । राजद सुप्रीमो अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने कहा कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी। लालू ने कहा कि राजद धर्मनिरपेक्ष ताकतों को मजबूती देगा और वे नहीं चाहेंगे कि उनकी पार्टी की वजह से इनमें बंटवारा हो। हालांकि एक वजह लालू और मुलायम सिंह यादव का समधी होना भी है।

लालू की बेटी मुलायम के भतीजे से ब्‍याही है। उन्होंने कहा, “राजद का एकमात्र उद्देश्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ  और भारतीय जनता पार्टी को दूर रखना है। पार्टी उत्तर प्रदेश चुनाव में सांप्रदायिक दलों को हराने वाली ताकतों को मजबूती देगी।”

बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल राजद अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी बिहार में बने महागठबंधन धर्म का पालन करेगी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव उनके संबंधी हैं और इस कारण वह उनका भी ध्यान रखेंगे।

वहीं लालू के सहयोगी नीतीश कुमार की राय अलग है। वे उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मैदान में रहेंगे। वे यहां पर बड़े स्‍तर पर प्रचार भी करेंगे। बिहार से लगती इलाकों में वे पूरा जोर लगाएंगे। मायावती की पार्टी बसपा छोड़कर आए आरके चौधरी की रैली में भी वे हिस्‍सा लेंगे।

नीतीश कुमार कुर्मी समुदाय से आ ते हैं और उन्‍हें उम्‍मीद है कि इस समाज के साथ आने पर उन्‍हें सफलता मिल सकती है। यूपी में चुनाव अगले साल होंगे। साल 2012 में हुए चुनावों में लालू और नीतीश दोनों को एक भी सीट नहीं मिली थी।

यूपी चुनावों में जातिगत समीकरण काफी अहम रहेंगे। यहां पर 21 प्रतिशत दलित आबादी है जो कि मायावती के साथ खड़ा नजर आता है। हालांकि दो साल पहले हुए लोकसभा चुनावों में यह तबका भाजपा के पास चला गया था।

यादव और मुस्लिम समाजवादी पार्टी और मुलायम सिंह यादव के साथ खड़े नजर आते हैं। भाजपा का वोट बैंक अपर कास्‍ट और गैर यादवों को माना जाता है। कांग्रेस का जनाधार भी इन्‍हीं में हैं। माना जा रहा है कि नीतीश कुमार कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सकते हैं।

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TeamDigital