लालू बोले ‘देश के लिए अपशकुन है मोदी’

लालू बोले ‘देश के लिए अपशकुन है मोदी’

बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर राजद के प्रदेश मुख्यालय में आज आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लालू प्रसाद ने कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनते ही देश में अपशुकन (लोगों की अकाल मौत, सूखा पडने और जलसंकट) हो रहा है।

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पटना । राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री के गलत समय शपथ लेने का दावा करते हुए आरोप लगाया कि उनके प्रधानमंत्री बनते ही देश में अपशुकन (लोगों की अकाल मौत, सूखा पडने और जलसंकट) हो रहा है।

बिहार की नीतीश कुमार सरकार के पूर्ण शराबबंदी के निर्णय को क्रांतिकारी बताते हुए लालू ने लोगों से कहा कि वे दूध-दही खाएं, यादव के गुण गाएं और प्रदेश से दारू को भगाएं। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर राजद के प्रदेश मुख्यालय में आज आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लालू ने यह बात कही।

लालू ने कहा कि जितने भी हाई-फाई साधु-संत हैं उनकी संपत्ति की जांच की जाए। उन्होंने योग गुरू बाबा रामदेव को दुनिया और देश का सबसे बडा पूंजीपति और व्यापारी बताते हुए आरोप लगाया कि पूर्व में वह स्वयं मुलायम सिंह यादव की तारीफ करते थे, पर बाद में नरेंद्र मोदी और भाजपा के पास चले गए।

लालू ने आरएसएस और भाजपा पर दलित एवं पिछडा विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि यही वही लोग हैं, जिन्होंने जननायक कर्पूरी ठाकुर की मूर्ति तोडी थी और अब यही लोग अंबेडकर और कर्पूरी जी की जयंती मना रहे हैं।

उन्होंने कहा कि बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर नहीं होते तो वह आज इस कुर्सी पर नहीं होते और उनके साथ-साथ लोकनायक जयप्रकाश नारायण, राममनोहर लोहिया और जननायक कर्पूरी ठाकुर जी के विरासत को वह आगे बढा रहे हैं।

उन्होंने आरएसएस के संस्थापक आर एस गोलवलकर की पुस्तक ‘बंच आफ थाट’ में आरक्षण को लेकर की गयी टिप्पणी की चर्चा करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी ने अपनी पुस्तक कर्मयोग में मैला ढोने वाले लोगों के बारे में कहा कि वे अपने आध्यात्मिक सुख के लिए ऐसा करते हैं।

वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी का पहले से शराबबंदी की पक्षधर रही है। उन्होंने केंद्र सरकार पर विभिन्न योजनाओं की राशि में कटौती करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जबतक देश में राजनीतिक एवं सामाजिक स्तर पर समानता नहीं संघर्ष जारी रहेगा।

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