लापता विमान एएन-32 का तीसरे दिन भी सुराग नहीं, 13 लोग हैं सवार

नई दिल्ली। चीन सीमा के पास लापता वायुसेना के विमान एएन-32 का तीसरे दिन भी कोई सुराग नहीं मिला है। इस विमान में सात अधिकारियों समेत 13 लोग सवार थे।
गौरतलब है कि वायुसेना के एएन-32 मालवाहक विमान ने सोमवार को असम के जोरहट से अरुणाचल प्रदेश के मेनचुका के लिए उड़ान भरी थी। उड़ान भरने के 35 मिनट बाद ही विमान का ग्राउंड स्टाफ से संपर्क टूट गया था।
विमान की तलाश जारी:
विमान की तलाश में युद्धस्तर पर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है और इसकी खोज में वायुसेना के विमानों के साथ नौसेना व थलसेना के हेलीकॉप्टर के बेड़े जुटे हैं। इसके साथ ही इसरो के कार्टोसैट और रीसैट (रडार इमेजिंग सैटेलाइट) की मदद भी ली जा रही है। इसके बावजूद वायुसेना को अब तक कोई सफलता नहीं मिली है।
वायुसेना के प्रवक्ता ग्रुप कैप्टन अनुपम बनर्जी के मुताबिक घने जंगल, दुर्गम इलाके और खराब मौसम की चुनौतियों के बावजूद सर्च ऑपरेशन को और तेज किया गया है। हवाई सेंसर से मिली जानकारी का बारीकी से अध्ययन किया जा रहा है और हवाई व जमीनी स्तर पर टीमें विमान की तलाश में जुटी हैं। हालांकि खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टरों द्वारा तलाशी अभियान प्रभावित रहा और बाद में उसे स्थगित करना पड़ा।
कांग्रेस ने उठाये सवाल:
इस बीच, कांग्रेस ने बुधवार को इस मामले में रक्षा मंत्रालय पर सवाल उठाए। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बुधवार को कहा कि 2016 में इसी तरह अंडमान और निकोबार द्वीप से एएन-32 विमान लापता हो गया था, जिसका कोई सुराग नहीं मिला। इसके बावजूद रक्षा मंत्रालय ने कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया।
उन्होंने कहा कि लापता विमान में एसओएस सिग्नल यूनिट 14 साल पुरानी थी। जब 2009 में भारत और यूक्रेन के बीच एएन-32 विमानों के अपग्रेडेशन के लिए करार हो चुका था, तो अब तक इन्हें अपडेट क्यों नहीं किया गया।
विमान में सवार लोगों के परिजन परेशान:
वहीँ लापता हुए मालवाहक जहाज के बारे में कोई सूचना न मिलने पर विमान में सवार वायुसेना के कर्मचारियों की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। विमान में सवार लोगों के परिजन लगातार वायुसेना के सम्पर्क में बने हुए हैं। विमान के लापता होने के बाद जैसे जैसे समय बीत रहा है वैसे वैसे परिजनों की चिंताएं और बढ़ती जा रही हैं।