लाइव: गरीब सवर्णो को 10% आरक्षण वाला बिल लोकसभा में पेश, राज्य सभा में अटकने की आंशका
नई दिल्ली। देश के गरीब सवर्णो को आर्थिक आधार पर शिक्षा और रोज़गार में 10% आरक्षण देने वाला बिल लोकसभा में पेश हो गया है। इस बिल पर आज शाम पांच बजे लोकसभा में चर्चा होगी।
लोकसभा सांसदों को इस बिल की प्रतियां उपलब्ध कराई गयी हैं। जिससे कि चर्चा में भाग लेने से पहले सभी सांसद इस बिल के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर सकें।
हालाँकि ऊपरी तौर पर विपक्ष के कई दलों ने इस बिल का समर्थन किया है लेकिन वे इस बिल की टाइमिंग पर भी सवाल उठा रहे हैं। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस सहित कई दलों ने इस बिल को चुनावी जुमला करार दिया है।
विपक्ष का कहना है कि आम चुनाव करीब आते ही मोदी सरकार को सवर्णो के लिए आरक्षण की याद कैसे आयी। सर्वणो को आरक्षण दिए जाने के लिए मोदी सरकार की तरफ से पिछले साढ़े चार साल में प्रयास क्यों नहीं हुए। विपक्ष इसे बीजेपी का चुनावी लॉलीपॉप बता रहा है।
राज्यसभा में अटक सकता है संशोधन बिल :
संविधान संशोधन बिल पास करवाने के लिए दोनों सदनों में दो तिहाई बहुमत की जरूरत होती है। नंबर गेम के हिसाब से लोकसभा में तो सरकार नंबर ना होने बावजूद बिल पास करवा लेगी लेकिन राज्यसभा में कांग्रेस, आप और बीएसपी के समर्थन के बावजूद बिल अटक सकता है। इतना ही नहीं 50% राज्य विधानसभाओं की भी सहमति चाहिए।
लोकसभा में दो तिहाई बहुमत ना होने बाद भी सरकार की राह आसान है, क्योंकि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने बिल को समर्थन देने की बात कही है। लोकसभा में कुल 543 सीटें हैं, बिल. पास करवाने के लिए 349 वोटों की जरूरत है। एनडीए के पास लोकसभा में 303 सांसद हैं, इसमें कांग्रेस के 45 और आम आदमी पार्टी के 4 सांसदों को जोड़ दें तो ये आंकड़ा 352 पर पहुंच जाता है।
राज्यसभा में सरकार के बाद जरूरत दो तिहाई बहुमत पास करवाना थोड़ा मुश्किल है। राज्यसभा में कुल सीटें 244 हैं, बिल पास करवाने के लिए जरूरी नंबर 163 है।
राज्यसभा में एनडीए के पास 92 सीटें हैं, कांग्रेस की 50 और आप की 3 सीटें जोड़ लें तो यह नंबर सिर्फ 145 तक ही पहुंचता है। राज्यसभा में 18 सीटें कम पड़ रही हैं। बता दें कि राज्यसभा का कार्यकाल एक दिन के लिए बढ़ाया गया है।