लव जिहाद मामला: कोर्ट ने कहा हदिया ने अपनी मर्जी से की शादी, एनआईए को जांच का हक नहीं
नई दिल्ली। केरल के लव जिहाद मामले में सुप्रीमकोर्ट ने हदिया के विवाह को वैध मानते हुए कहा कि हदिया ने अपनी मर्ज़ी से शादी की, हम उसे अवैध नहीं ठहरा सकते। हदिया अपनी शादी से खुश है और उसे कोई समस्या नहीं है। इसलिए यह मामला यही समाप्त माना जाना चाहिए।
कोर्ट ने कहा कि यदि लड़के के क्रिमिनल रिकॉर्ड मिलते हैं तो उसकी जांच में कोई परेशानी नहीं है लेकिन विवाह को लेकर एनआईए को जांच का हक नहीं है। सुप्रीमकोर्ट ने कहा कि हदिया बालिग है, इसलिए उसके विवाह पर किसी को उठाने का हक नहीं है।
कोर्ट ने कहा कि हदिया को बालिग पाए जाने और उसके बाद विवाह को अपनी मर्जी से किये जाने की स्वीकारोक्ति दिए जाने के बाद उसके विवाह को लेकर न तो पक्षकारों को सवाल उठाने का हक है और न ही किसी कोर्ट या जांच एजेंसी को. इस तरह इस शादी की जांच एनआईए नहीं कर सकती।
वहीँ हदिया के पति के आपराधिक रिकॉर्ड को लेकर NIA ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि ISIS के दो संदिग्धों ने जांच एजेंसी के सामने माना कि शफीं जहां उनके संपर्क में रहा है। हदिया के पति पर आरोप है कि हादिया का पति ISIS के संपर्क में था।
वहीँ हादिया के पिता अशोकन के वकील ए रघुनाथ ने कहा कि हम आशा करते हैं कि एनआईए अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश करेगी. कोर्ट हादिया को पढाई जारी रखने की अनुमति देगी. हम खुश हैं कि हादिया सुरक्षित है। इससे पहले हदिया के पिता अशोकन का आरोप था कि हादिया का मांइडवॉश किया गया और उसे संभवत: इराक और सीरिया में ISIS के कब्जे वाले क्षेत्रों में ले जाया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने बीते साल नवंबर में हादिया को तमिलनाडु के सलेम स्थित होम्योपैथिक कॉलेज में अपनी शिक्षा जारी रखने की अनुमति दी थी। उस समय हदिया ने कहा था कि वह पति के साथ रहना चाहती है। इस मामले की अगली सुनवाई 22 फरवरी को होगी। इस मामले में एनआईए इस केस में चौथी स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने जा रही है।