रिज़र्व बैंक ने कहा “आधार को बैंक खातों से जोड़ना जरूरी नहीं”
नयी दिल्ली। जहाँ एक तरफ सरकार बैंक खातों से आधार लिंक करने के लिए दबाव बना रही है वहीँ रिज़र्व बैंक ने कहा है कि बैंक खाते से आधार जोड़ना अनिवार्य नहीं है।
इतना ही नहीं आधार को बैंक एकाउंट से जोड़ने के लिए बैंको में केवाईसी(नो योर कस्टमर) के फॉर्म भी भरवाए जा रहे हैं। बैंको द्वारा इस फॉर्म के साथ अनिवार्य रूप से आधार नंबर माँगा जा रहा है। इसके अलावा निजी आैर सरकारी बैंकों की आेर से अपने ग्राहकों को 12 नंबर वाले आधार को खातों से जोड़ने के लिए र्इ-मेल आैर एसएमएस के जरिये संदेश भेजे जा रहे हैं।
इस बीच, इसके विपरीत सूचना अधिकार (आरटीआर्इ) के तहत पूछे गये सवाल में रिजर्व बैंक ने जवाब दिया है कि आधार को बैंक खातों से जोड़ना जरूरी नहीं है। आरटीआर्इ (सूचना का अधिकार) के जवाब में रिजर्व बैंक की आेर से यह कहा गया है कि आधार को बैंक खातों से जोड़ने के लिए इस तरह का कोर्इ नियम नहीं बनाया गया है।
आरटीआर्इ के जवाब में रिजर्व बैंक ने कहा है कि सरकार ने गजट अधिसूचना 538 (र्इ) के जरिये अन्य सभी के साथ एक जून, 2017 को मनी लाॅन्ड्रिंग (मेंटेनेंस आॅफ रिकार्ड्स) द्वितीय संशोधित नियम, 2017 के तहत एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें बैंक खाता खोलते समय स्थायी खाता नंबर (पैन) आैर आधार को देना जरूरी बताया गया है।
इसके साथ ही, इसमें रिजर्व बैंक की आेर से यह भी कहा गया है कि रिजर्व बैंक द्वारा सरकार की अधिसूचना के आलोक में बैंकों के लिए कोर्इ दिशा-निर्देश जारी नहीं किया गया है।
इसके साथ ही, केंद्रीय बैंक ने अपने जवाब में यह भी कहा है कि उसकी आेर से बैंक खातों को आधार से जोड़ने के काम को जरूरी बनाने के लिए कोर्इ निर्देश जारी नहीं किया गया है।
इतना ही नहीं, आरटीआर्इ में यह भी कहा गया है कि रिजर्व बैंक की आेर से सुप्रीम कोर्ट में बैंक खातों से आधार को जोड़ने के काम को जरूरी बनाने के लिए किसी प्रकार की याचिका दाखिल नहीं की गयी है।