रिज़र्व बैंक की रिपोर्ट में खुलासा: चार सालो में बैंको को लगा 3,16,500 करोड़ का बट्टा
नई दिल्ली। भारतीय रिज़र्व बैंक की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मोदी सरकार के चार साल के कार्यकाल के दौरान बैंको को 3,16,500 करोड़ का बट्टा लगा है।
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले चार साल में सार्वजनिक बैंकों ने जितनी लोन वसूली की है, उसके सात गुना से ज्यादा उन्होंने बट्टे खाते में डाल दिया गया है।
आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2014 से अप्रैल 2018 तक के चार साल में देश के 21 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 3,16,500 करोड़ रुपये के लोन को राइट ऑफ कर दिया है यानी बट्टे खाते में डाल दिया है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक लोन की जितनी धन राशि को बट्टे खाते में डाला गया है, वह इस साल 2018-19 में स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा पर तय कुल बजट 1.38 लाख करोड़ रुपये के दोगुने से ज्यादा है।
मोदी सरकार के चार वर्षों के कार्यकाल के दौरान 21 बैंकों ने जितने कर्ज को बट्टे खाते में डाला है, वह 2014 से पहले यूपीए सरकार के 10 साल के कार्यकाल में बट्टे खाते में डाले गए कर्ज के 166 फीसदी से भी ज्यादा है।
कांग्रेस ने इस पर सवाल उठाये हैं। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर इसे ‘मोदी कृपा’ और ‘पब्लिक लूट’ बताया है। कांग्रेस पहले भी मोदी सरकार पर कर्जदारों का फेवर करने का आरोप लगाती रही है।
बता दें कि किसी भी लोन की रकम को राइट ऑफ करने का मतलब है कि दिए गए लोन की धनराशि की बसूली के बिना उसे बट्टे खाते में डाल देना। यानि कि अब उस लोन की रकम की बसूली नहीं की जा सकती।