रिमांड पर नहीं लिए जायेंगे आरोपी, 5 सितंबर तक घर में ही रहेंगे नज़रबंद: सुप्रीम कोर्ट

रिमांड पर नहीं लिए जायेंगे आरोपी, 5 सितंबर तक घर में ही रहेंगे नज़रबंद: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। भीमा कोरेगांव मामले में आज सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि पांचों आरोपियों को रिमांड पर नहीं लिया जायेगा, लेकिन उन्हें पांच सितंबर तक हाउस अरेस्ट रखा जायेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला इतिहासकार रोमिला थापर की याचिका पर सुनाया है। इस मामले में आज सुबह रोमिला थापर, प्रभात पटनायक और सतीश देशपांडे ने भीमा कोरेगांव मामले में एक्टिविस्ट सुधा भारद्वाज, गौतम नवलखा की गिरफ्तारी के विरोध में याचिका दायर किया था।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने अहम फैसले में यह भी कहा कि ‘ विरोध करने का अधिकार लोकतंत्र का सुरक्षा वाल्व है। अगर विरोध की अनुमति नहीं है तो दबाव से कुकर फट सकता है।’

इससे पहले आज गिरफ्तार किये गये तेलुगू कवि वरवर राव, मानवाधिकार कार्यकर्ता वेरनॉन गोंजाल्विस और अरूण फरेरा को एक अदालत में लाया गया। महाराष्ट्र पुलिस ने इन तीनों वामपंथी कार्यकर्ताओं को कल गिरफ्तार किया था और उन्हें बीती रात यहां लाया गया. उन्हें जिला एवं सत्र न्यायाधीश केडी वाधने की अदालत में लाया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए महाराष्ट्र सरकार से गुरुवार तक मामले पर जवाब देने के लिए कहा है। इसके साथ ही कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को नोटिस भी जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 6 सितंबर को होगी। इसके साथ ही सभी आरोपियों की ट्रांजिट रिमांड पर भी सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।

सीपीआई(एम) कल जंतर मंतर पर करेगी प्रदर्शन:

वामपंथी विचारधारा वाले लोगों की गिरफ्तारी के विरोध में कल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी(एम) जंतर मंतर पर प्रदर्शन करेगी। वामपंथी नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि असंवैधानिक तरीके से गिरफ्तारी का विरोध किया जाएगा।

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