राहुल के केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़ने पर कांग्रेस को हो सकता है सीटों का फायदा

राहुल के केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़ने पर कांग्रेस को हो सकता है सीटों का फायदा

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी उत्तर प्रदेश की अमेठी के अलावा केरल की वायनाड सीट से भी लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। हालाँकि यह कोई नई बात नहीं है जब कोई बड़ा नेता दो लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगा। स्वयं पीएम नरेंद्र मोदी ने भी 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की वाराणसी के अलावा गुजरात की वड़ोदरा सीट से भी चुनाव लड़ा था।

राहुल गांधी के केरल की वायनाड सीट की तरफ रुख करने के पीछे कई सियासी कारण हैं। केरल का वायनाड जिला भौगोलिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। यह जिला कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे पड़ौसी राज्यों की सीमा से सटा हुआ है। वायनाड को ग्रीन पेराडाइज भी कहा जाता है। यहाँ कुदरत का नज़ारा देखने हर साल दूर दूर से सैनानी आते हैं।

क्या है वायनाड सीट का अंक गणित:

2011 की जनगणना के अनुसार वायनाड जिले की कुल आबादी 8,17,420 है। इसमें से 401,684 पुरुष और 415,736 महिलाएं शामिल हैं। जिले की 89.03 प्रतिशत आबादी साक्षर है। वायनाड में 404,460 (49.48%) हिंदू आबादी निवास करती है। इसके अलावा 2,34,185 (28.65%) जनसंख्या मुस्लिम समुदाय की है। क्रिस्चन (ईसाई) समुदाय की बात करें तो जिले में उनकी आबादी 1,74,453 (21.34%) है।

जिले की कुल जनसंख्या में अनुसूचित जाति (एससी) की आबादी 3.99 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति (एसटी) की तादाद 18.53 प्रतिशत है। जिले की कुल आबादी में से 96.14 प्रतिशत लोग शहरी इलाकों में रहते हैं। वहीं 3.86 प्रतिशत लोग ग्रामीण इलाकों में निवास करते हैं।

राहुल के वायनाड सीट से लड़ने से कांग्रेस को क्या होगा फायदा:

केरल की वायनाड सीट कांग्रेस की परम्परागत सीट रही है। हालाँकि इस सीट से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के चुनाव लड़ने के कई सियासी मायने हैं। राजनैतिक विश्लेषकों की माने तो वायनाड सीट से चुनाव लड़कर राहुल गांधी कम से कम 5-6 अन्य सीटें कांग्रेस की झोली में डाल सकते हैं।

विश्लेषकों के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़ने से न सिर्फ केरल में कांग्रेस की सीटें बढ़ सकती हैं बल्कि सीमवर्ती राज्यों कर्नाटक और तमिलनाडु में भी कांग्रेस को सीटों का फायदा मिल सकता है।

विश्लेषकों के मुताबिक कांग्रेस वायनाड सीट के जरिए केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में पार्टी को मजबूत करना चाहती है। केरल में लोकसभा की 20 सीटें हैं, वहीँ कर्णाटक में 28 तथा तमिलनाडु में 39 सीटें हैं। इनमे कर्नाटक को छोड़ अन्य दोनों राज्यों में बीजेपी बेहद कमज़ोर है। तमिलनाडु में बीजेपी ने एआईएडीएमके के साथ गठबंधन किया है।

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