राहुल की न्याय के सामने फीके पड़े मोदी के एयर स्ट्राइक और कट्टर हिंदुत्व के मुद्दे
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में गरीब परिवारों को न्यूनतम आय सुनिशचित करने वाली कांग्रेस की ‘न्याय’ योजना बड़ी गेम चेंजर साबित हो सकती है। पीएम नरेंद्र मोदी की तुलना में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सभाओं में जुट रही भीड़ इस बात का सबूत है कि अब देशभक्ति और कट्टर हिंदुत्व को जनता वह भाव नही दे रही है जिसकी बीजेपी उम्मीद लगाए बैठी थी।
ज़मीनी हकीकत देखें तो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा न्याय योजना को लेकर किये गए एलान के बाद बीजेपी का ग्राफ तेजी से गिर रहा है। अपनी सभाओं में पाकिस्तान और एयर स्ट्राइक का ज़िक्र करने वाले पीएम नरेंद्र मोदी को मजबूरन हिन्दू आतंकवाद शब्द के लिए कांग्रेस को कोसना पड़ रहा है। इस सब के बावजूद पीएम नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और बीजेपी के अन्य कद्दावर नेताओं की सभाओं में पहले जैसी भीड़ नहीं जुट पा रही है।
जानकारों की माने तो आम मतदाता बीजेपी की डर्टी पॉलिटिक्स से दूर जाना चाहता है। पूरे पांच साल मोदी सरकार का काम काज देखने के बाद अब आम मतदाता अपनी राय कायम कर चूका है। महंगाई, रोज़गार और सुरक्षा के मुद्दे पर मोदी सरकार का कामकाज मतदाताओं के सामने है।
2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने जिन वादों को प्रमुखता से जनता के समक्ष रखा था उसमे अधिकांश वादे पूरे नहीं हुए हैं। मोदी सरकार ने पांच साल जो कुछ जनता को बताया वह धरातल पर नहीं दिख रहा है।
जानकारों की माने तो कांग्रेस की न्याय योजना मोदी सरकार की उस किसान कल्याण योजना पर भारी पड़ रही है जिसमे किसानो को प्रतिवर्ष 6 हज़ार रुपये दिए जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले किसानो के लिए जिस योजना का मोदी सरकार ने एलान किया था अब उसका ज़िक्र भी नहीं हो रहा है।
कांग्रेस 02 अप्रेल को अपने चुनावी घोषणा पत्र जारी करेगी। फिलहाल देखना है कि कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में न्याय योजना के अलावा और कौनसे बड़े वादे जनता के सामने रखती है।