राष्ट्रपति चुनाव: ज़रूरत पड़ने पर कांग्रेस इस्तेमाल कर सकती है ये ब्रह्मास्त्र
नई दिल्ली। आज दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी से मुलाकात करने पहुंचे बीजेपी नेताओं को खाली हाथ वापस आना पड़ा। कांग्रेस सूत्रों की माने तो गृह मंत्री राजनाथ सिंह और शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू सर्वसम्मति न बनने की स्थति में विपक्ष के उम्मीदवार के नाम की थाह लेने पहुंचे थे लेकिन राजनीति में माहिर हो चुकी सोनिया गांधी के समक्ष बीजेपी नेताओं की चालाकी फ्लॉप साबित हो गयी।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने राष्ट्रपति चुनाव में सर्वसम्मति न बनने की स्थति में विपक्ष के प्रत्याशी का नाम उजागर करने की जगह खुद बीजेपी नेताओं से उनके प्रत्याशी का नाम पूछ कर उन्हें मुश्किल में ला खड़ा किया। मामूली से समय तक चली यह बैठक बेनतीजा ख़त्म हो गयी।
वहीँ सूत्रों की माने तो राष्ट्रपति चुनाव में अपने पसंदीदा उम्मीदवार को विपक्ष का चेहरा बनाये जाने के लिए कांग्रेस अभी अंक गणितो पर विचार कर रही है। सूत्रों ने कहा कि अंतिम समय तक सहमति न बनपाने की दशा में कांग्रेस अपने भरोसेमंद लोगों के नाम आगे बढ़ा सकती है।
सूत्रों ने कहा कि अब तक जिन नामो पर विपक्ष के नेताओं से चर्चा हुई है उनमे शरद पवार राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं वहीँ शारद यादव के नाम पर शिवसेना जैसे दलों को आपत्ति है। सूत्रों ने कहा कि ऐसे हालातो में कांग्रेस एनडीए उम्मीदवार के नाम का इंतज़ार कर रही है। वहीँ विपक्ष के नेताओं को यह आश्वस्त कर दिया गया है कि यदि कांग्रेस अपनी पार्टी के किसी नेता को उम्मीदवार बनाएगी तो उसे जिताने का ज़िम्मा भी लेगी।
सूत्रों ने कहा कि अंदरूनी तौर पर पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नाम पर भी चर्चा हुई है। कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि इन दोनो नामो पर शिवसेना और तेलगु देशम पार्टी जैसे एनडीए के घटक दलो को कोई आपत्ति नहीं है। इतना ही नहीं इन दोनो नामो पर एआईएडीएमके ने भी अपनी सहमति जताई है।
सूत्रों की माने तो अगले तीन चार दिन में एनडीए के उम्मीदवार का नाम सामने आने के बाद कांग्रेस अपने पत्ते खोलकर एनडीए के घटक दलो में बड़ी सेंधमारी कर सकती है। सूत्रों ने कहा कि यदि बीजेपी किसी सेकुलर चेहरे को अपना उम्मीदवार बनाती है तो कांग्रेस विपक्ष के अन्य दलों के साथ सलाह मशविरा करके इस मामले में आगे कदम बढ़ाएगी।