राफेल डील: स्वामी का तंज, क्या अब हम अंग्रेजी में सही ड्राफ्ट भी तैयार नहीं कर सकते ?
नई दिल्ली। राफेल डील पर मोदी सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पैराग्राफ 25 में सुधार की गुहार के बाद जहाँ विपक्ष सरकार पर झूठ बोलने और सुप्रीमकोर्ट को गुमराह करने का आरोप लगा रहा है वहीँ अब बीजेपी सांसद सुब्रमणियम स्वामी ने भी तंज कसा है।
पूरे प्रकरण पर बीजेपी सांसद सुब्रमणियम स्वामी ने कहा कि “‘मीडिया के अनुसार, अटॉर्नी जनरल ने कहा है कि उन्होंने ऐफिडेविट तैयार नहीं किया है। किसने ऐफिडेविट तैयार किया? मुझे लगता है कि पीएम को ये पता करना चाहिए। यह उन्हें शर्मिंदा करता है कि क्या हम अंग्रेजी में शुद्ध ड्राफ्ट भी तैयार नहीं कर सकते। इसे हिंदी में तैयार किया जा सकता था।”
उन्होंने कहा,”जब भी ऐफिडेविट सील कवर में सौंपा जाता है तो सवाल उठते ही हैं, इस बार उन्होंने फैसले में सौंपे जाने का खुलासा किया, नहीं तो हमें पता ही नहीं चलता। अगर जज इसपर अपना निर्णय लेते तो ये न्याय को प्रभावित करता।”
बता दें कि राफेल डील पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पैराग्राफ 25 में सुधार की अपील की है। सरकार ने कहा है कि सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को दी गई जानकारी को कोर्ट ने दूसरे ढंग से लिया जिससे फैसले के बाद कुछ विवाद हुए।
सरकार की तरफ से कहा गया है कि SC के आदेश के में पैराग्राफ 25 में कहा गया है कि पीएसी ने रिपोर्ट देख ली है जबकि होना चाहिए था पीएसी रिपोर्ट देखेगी।
सरकार ने कहा है, ”हमने कोर्ट में बताया था कि सीएजी को प्राइसिंग के डिटेल दिए गए हैं और बताया कि कैसे सीएजी और पीएसी को वह रिपोर्ट भेजती है तथा फिर पीएसी से वह पार्लियामेंट जाती है। जबकि कोर्ट ने उसको ऐसे समझा कि सीएजी को प्राइसिंग के रिपोर्ट दिए गए हैं और सीएजी ने वो रिपोर्ट पीएसी भेज दी है और पीएसी ने उसे पार्लियामेंट के टेबल पर रख दिया है। इसलिए हम इसमें सुधार चाहते हैं।”
फ़िलहाल सरकार पूरे प्रकरण पर घिरती दिखाई दे रही है। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने अब से थोड़ी देर पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सुप्रीमकोर्ट को गलत जानकारी देने के लिए सरकार के खिलाफ न्यायालय अवमानना और चार सौ बीसी का मामला शुरू करे।