राफेल डील पर सुप्रीमकोर्ट के फैसले से क्यों खुश नहीं याचिकाकर्ता? पढ़िए! ये रिपोर्ट
नई दिल्ली। राफेल डील पर आज आये सुप्रीमकोर्ट के फैसले पर जहाँ बीजेपी इसे मोदी सरकार के लिए क्लीनचिट बता रही है वहीँ इस मामले में याचिकाकर्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने सुप्रीमकोर्ट के फैसले पर सवाल खड़े किये हैं।
याचिकाकर्ताओं में से एडवोकेट प्रशांत भूषण ने कहा है कि राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला पूरी तरह गलत है। उन्होंने कहा है कि एयरफोर्स ने कभी नहीं कहा था कि 36 राफेल विमान चाहिए। उन्होंने कहा कि एयरफोर्स से बिना पूछे मोदी जी ने फ्रांस में जाकर समझौता कर लिया इसके बाद तय कीमत से ज्यादा पैसा दे दिया।
प्रशांत भूषण ने कहा कि कोर्ट में कीमतों पर सीलबंद रिपोर्ट दे दी जिसके बारे में हमें कोई जानकारी नहीं दी गई। वहीं कोर्ट ने ऑफसेट पार्टनर चुनने के मामले में भी गलत नहीं माना है। उन्होंने कहा कि रक्षा सौदे में बिना सरकार की सहमति के कोई फैसला नहीं लिया जा सकता है।
राफेल डील पर सुप्रीमकोर्ट का फैसला आने को बीजेपी द्वारा इसे क्लीनचिट बताये जाने पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मोदी जी जेपीसी की जांच से क्यों डर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस डील में अगर कुछ भी छिपाने जैसा नहीं है तो सरकार जेपीसी जांच क्यों नहीं कराती है। सुरजेवाला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट सही मंच नहीं है इस मामले की जांच के लिए।
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पीएम और बीजेपी जश्न न मनाएं। सुप्रीम कोर्ट का फैसला अपने आप में विरोधाभासी है। उन्होंने कहा कि हम राफेल डील पर शुरू से जेपीसी से जांच कराने की मांग कर रहे हैं और यह मांग हम करते रहेंगे।
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने ट्विटर पर कहा कि “मा. सर्वोच्च न्यायालय की बात पर सरकार को ध्यान देना चाहिये, SC ने कहा “जहाज़ की क़ीमत का अध्ययन करना अदालत का काम नही” ऐसे में सरकार JPC बनाकर क़ीमत बढ़ाने का कारण पता करे 526 करोड़ का जहाज़ 1670 करोड़ का क्यों ख़रीदा?”
क्या है सुप्रीमकोर्ट का फैसला:
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने डील पर दायर की गई याचिका पर कहा कि राफेल डील पर कोई संदेह नहीं है। राफेल की गुणवत्ता में पर कोई सवाल नहीं है। हमने सौदे की पूरी प्रक्रिया पढ़ी है। विमान की कीमत देखना हमारा काम नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने राफेल सौदे की जांच को लेकर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है।