राजसमंद मामला: लव जिहाद नहीं बल्कि गलत निशानदेही
नई दिल्ली। राजस्थान के राजसमंद में पिछले दिनों प. बंगाल के एक मुस्लिम मजदूर अफ़राजुल(45) की हत्या का वीडिओ वायरल होने के साथ ही ह्त्या करने वाले जिस शम्भूलाल रैंगर को सोशल मीडिया पर हिन्दू हीरो बताया जा रहा था, असल में यह लव जिहाद का मामला नहीं था।
पुलिस सूत्रों ने इसी तरह की पुष्टि करते हुए कहा है कि शम्भुलाल रैंगर ने पुलिस को जो बताया उससे यह पुष्टि होती है कि यह लव जिहाद का मामला नही था। शम्भुलाल रैंगर ने पुलिस को लव जिहाद की जो स्टोरी बताई वह हालातो से मेल नहीं खा रही है। इस मामले में अब एक और कड़ी जुड़ गयी है।
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार रैंगर ने पुलिस को जो कहानी बताई उसमे कई पेंच मिले हैं। शम्भू लाल रैंगर ने पुलिस को बताया कि एक बांग्लादेशी उसके गाँव कीअनाथ नाबालिंग लड़की को मालदा ले भागा था। जहाँ उसका धर्म परिवर्तन कराया गया था और वह (शम्भुलाल रैंगर) उस लड़की को पश्चिम बंगाल के मालदा से वापस लाया था।
रैंगर की कहानी से अलग पुलिस का मानना है कि शम्भुलाल रैंगर जो कि शादीशुदा है, सम्भवतः उसने उस नाबालिंग लड़की से अपने अवैध संबध के चलते मजदूर अफ़राजुल की हत्या की है। हत्यारे शम्भुलाल रैंगर की उम्र 30 वर्ष है जबकि उस नाबालिंग लड़की की उम्र महज 13 वर्ष है और वह अनाथ नहीं है।
रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने बताया कि वर्ष 2010 में यह लड़की बबलू शेख नामक मालदा (प.बंगाल) के एक लेवर ठेकेदार के साथ भाग गयी थी लेकिन लड़की की मां और उसके चाचा उसे वापस ले आये थे। लेकिन दो माह पश्चात यह लड़की फिर से भाग गयी। इस बार वह किसी अज्जू शेख के साथ पश्चिम बंगाल चली गयी थी।
राजसमंद के पुलिस क्षेत्राधिकारी(सीओ) राजेंद्र सिंह ने एनडीटीवी को बताया कि ये सच है कि शम्भुलाल रैंगर के उस लड़की से भावनात्मक (इमोशनल)संबंध हैं और शम्भुलाल रैंगर ही उस लड़की को वापस लेने पश्चिम बंगाल गया था।
वहीँ लड़की की मां ने एनडीटीवी से कहा कि “शम्भुलाल रैंगर वर्ष 2015 में उसकी बेटी को लेने पश्चिम बंगाल गया था। वह लड़की को वापस लाने के लिए मुझसे पैसे मांगने आया था। उसने बताया था कि वहां मेरी लड़की के साथ गलत हो रहा है । इसलिए अपनी लड़की वापस लाने के लिए मैंने उसे 9 हज़ार रुपये दिए थे।”
लड़की की मां ने कहा कि जब लड़की वापस आयी तो मैंने उसे घर में वापस रखने से इंकार कर दिया था। इसके बाद शम्भुला रैंगर उसे अपनी बाइक पर बैठाकर कहीं ले गया था। लेकिन अब मुझे मालूम नहीं कि लड़की आजकल कहाँ है।
पुलिस के अनुसार वह लड़की आज भी अज्जू शैख़ के सम्पर्क में है। हत्या के पीछे मूल कारण यह है कि शंभूलाल रैंगर अज्जू शेख का चेहरा नहीं पहचानता। 05 दिसंबर को शम्भूलाल अज्जू शेख की तलाश में उस जगह पहुंचा जहाँ बंगाल के मजदुर बैठते हैं। उसने वहां बैठे मजदूरों को बताया कि उसे कुछ काम कराना है इसलिए अज्जू शेख से मिलना है लेकिन किसी ने शंभुलाल रैंगर को अज्जू शेख की जगह अफ़राजुल का फोन नंबर दे दिया।
शम्भुलाल रैंगर ने अफ़राजुल को अज्जू शेख समझकर फोन किया और कहा कि उसे कुछ काम कराना है। शम्भुलाल ने अफ़राजुल को अपने प्लाट पर बुलाया और उसकी ह्त्या कर दी।
शम्भुलाल रैंगर के परिजनों और शम्भुलाल की तरफ से तय किये गए वकील का कहना है कि शम्भुलाल रैंगर की दिमागी हालत ठीक नहीं है। वहीँ पुलिस इस बात को ख़ारिज कर रही है। पुलिस के अनुसार शम्भूलाल रैंगर की दिमागी हालत एकदम ठीक है। उसने इरादतन हत्या की है।