राजद्रोह केस में हार्दिक पटेल को जमानत, फिलहाल जेल से नहीं छूटेंगे
अहमदाबाद । गुजरात हाई कोर्ट ने पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को राजद्रोह के दो मामलों में इस शर्त पर जमानत दे दी कि जेल से छूटने पर उन्हें छह महीने का समय राज्य से बाहर गुजारना होगा।
उनके वकील रफीक लोखंडवाला ने बताया कि विसनगर मामले में भी हार्दिक की जमानत अर्जी पर 11 जुलाई को सुनवाई होगी और तब जमानत मिलने की स्थिति में उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो सकेगा।
हालांकि इन मामलों में जमानत मिलने के बावजूद विसनगर में भाजपा विधायक रिषिकेश पटेल के कार्यालय पर हमले और उस दौरान हुर्ई हिंसक घटनाओं के मामले और कुछ अन्य मामलों में जमानत नहीं मिलने के कारण वह फिलहाल जेल से नहीं छूटेंगे।
22 साल के हार्दिक को पिछले साल अक्टूबर में राजकोट से गिरफ्तार किया गया था। उसी माह उनके खिलाफ अगस्त के आंदोलन की हिंसक घटनाओं और सूरत में अपने एक समर्थक को आत्महत्या करने की बजाय पुलिसवालों को मारने की सलाह देने को लेकर राजद्रोह के ये अलग-अलग मामले अहमदाबाद और सूरत के अमरोली में क्राईम ब्रांच ने दर्ज कराए थे। उन्हें तब से उन्हें सूरत के लाजपुर जेल में रखा गया है।
न्यायमूर्ति ए जे देसाई की अदालत ने हार्दिक को जमानत देते हुए उन्हें जमानत की शर्तों के हिसाब से नए सिरे से स्वीकारोक्ति पत्र अदालत में जमा करने के भी आदेश दिए थे।