रहस्य : रिज़र्व बैंक ने जारी किये थे 9 खरब, बैंको ने बाँट दिया 15 खरब, 6 ख़रब कहाँ से आये ?
नई दिल्ली । 8 नवम्बर 2016 को रात 12 बजे के बाद देश में लागू की गयी पांच सौ और एक हज़ार के नोट की नोटबंदी के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंको को करीब 9.1 लाख करोड़ रुपये यानि तकरीबन (9.1 खरब रुपये) के नए नोट जारी किए लेकिन बाजार में उससे भी ज्यादा नए नोट चलन में आ गए।
ब्लूम बर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार संसदीय समिति को सौंपे आरबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि 13 जनवरी 2017 तक रिजर्व बैंक ने 9.1 लाख रुपये मूल्य की नई करेंसी नोट जारी किए हैं मगर लोगों ने उस रकम के अतिरिक्त 600 अरब रुपये (9 बिलियन डॉलर) और निकाले हैं।
राष्ट्रीय हिंदी दैनिक जनसत्ता में प्रकाशित एक खबर में ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि आरबीआई द्वारा बुधवार को संसदीय समिति के समक्ष जो रिपोर्ट रखी गई, उसमें यह बात कही गई है। विशेषज्ञों के मुताबिक, ऐसा आमतौर पर होता नहीं है और कायदे से सर्कुलेशन में जो करेंसी है, लोगों द्वारा उसके पास कम कैश होना चाहिए। वैसे इस बारे में स्पष्ट डाटा अभी सामने आना बाकी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक पीएम मोदी ने सर्कुलेशन में मौजूद 177 खरब रुपए में से 154 खरब रुपए रद्द कर दिए थे। उन्होंने कहा था कि इन नोटों को नए नोटों से बदल दिया जाएगा। 9 नवंबर से 13 जनवरी के बीच आरबीआई ने 55.3 खरब रुपए के नए नोट छापे और 25 अरब 19 करोड़ 70 लाख बैंक नोट सर्कुलेशन में डाले जिनका मूल्य 67.8 खरब रुपए था। 13 जनवरी तक जनता ने 97 खरब रुपए बैंक काउंटर्स और कैश डिस्पेंशिंग मशीनों से निकाले हैं। यानी सर्कुलेशन में जारी रकम 67.8 खरब से करीब 30 खरब रुपये अतिरिक्त सर्कुलेशन में आ गए।