यूपी शिक्षामित्र मामले में जज ने किया सुनवाई से इनकार, सुनवाई टली
नई दिल्ली । यूपी के शिक्षामित्रों द्वारा बड़ी संख्या में लिखी जाने वाली चिठ्ठीयों पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इससे कोई फायदा नहीं होने वाला है। शीर्ष अदालत ने कहा कि इन चिठ्ठीयोंको रद्दी की टोकरी में जगह मिल रही है।
बुधवार को सुनवाई केदौरान न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यामयूर्ति रोहिंग्टन एफ नरीमन की पीठ ने कहा कि बड़ी संख्या में शिक्षामित्र अंग्रेजी और हिन्दी में सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिख रहे हैं। इस बात से नाराज पीठ ने कहा कि ऐसे पत्र लिखने का कोई फायदा नहीं है।
पीठ ने कहा कि इसके लिए रद्दी की टोकरी बनाई गई हैं, सभी चिठ्ठीयां वहां जा रही हैं। वास्तव में सुप्रीम कोर्ट यह संदेश देना चाह रही है कि भावुक पत्रों से मामले पर कोई असर नहीं पडने वाला है। वहीं बुधवार को इस मामले की सुनवाई नहीं हो सकी, क्योंकि न्यायमूर्ति रोहिंग्टन एफ नरीमन ने खुद को इस मामले की सुनवाई से अलग कर लिया।
न्यायमूर्ति इस मामले में पूर्व में बतौर वकील जिरह कर चुके हैं। अब इस मामले की सुनवाई 24 अगस्त को होगी। मालूम हो कि पिछली सुनवाई के दौरान अदालत कक्ष में भारी संख्या में शिक्षामित्रों की मौजूदगी पर पीठ ने कहा था कि अगली सुनवाई से एक भी शिक्षामित्र अदालत में नहीं आना चाहिए।
पीठ ने कहा कि भारी संख्या में शिक्षामित्रों की उपस्थिति से अदालती कार्यवाही संभव नहीं है। पीठ ने यह भी कहा था कि सुनवाई केवक्त कई शिक्षामित्रों हाथ जोड़कर खड़े रहते हैं। कई रोनी सूरत बनाकर खड़े होते हैं। ऐसी स्थिति में सुनवाई संभव नहीं है।