यूपी में बीजेपी को बड़ा झटका, अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के प्रमुख ने दिया इस्तीफा
लखनऊ । भाजपा को उत्तर प्रदेश में एक और झटका लगा है। पार्टी के अनुसूचित जाति मोर्चा के राज्य प्रभारी, दीप चंद राम ने रविवार को पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने दावा किया कि उन्हें गुजरात में ‘अत्याचार की घटनाओं’ तथा दयाशंकर सिंह द्वारा मायावती की वेश्या से तुलना किए जाने के बाद पार्टी में ‘घुटन’ महसूस हो रही थी।
एक दलित नेता के तौर पर राम भाजपा की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य थे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस संबंध में पत्र लिखा था। राम ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब भाजपा दयाशंकर और गुजरात में दलितों पर अत्याचार को लेकर संसद से लेकर सड़क तक घिरी हुई है। भाजपा के एससी मोर्चा के उपाध्यक्ष, गौतम चौधरी ने दावा किया कि राम ने निजी मकसद से भाजपा ज्वाइन की थी।
उन्होंने कहा, ”उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनावों में टिकट की मांग की थी, मगर नहीं मिला। वह 2017 के विधानसभा चुनावों में भी टिकट के लिए लगे हुए थे। जब उन्हें लगा कि उनको टिकट नहीं मिलेा तो उन्होंने ऐसे कारण बताते हुए पार्टी छोड़ दी। राम बसपा छोड़ने के बाद भाजपा में शामिल हुए थे, वह फिर बसपा में जा सकते हैं।
हालांकि दीप चंद राम ने बसपा में शामिल होने की संभावना से इनकार किया। उन्होंने कहा, ”मैंने भाजपा के सभी पदों से इस्तीफा दिया। मैंने एक मेमारेंडम के जरिए सीधे प्रधानमंत्री को संदेश भेजा है, जिसमें मैंने दलितों द्वारा झेले जा रहे मुद्दों पर उनका ध्यान खींचने की कोशिश की थी।
उन्होंने धमकी दी कि अगर दयाशंकर गिरफ्तार नहीं होते तो वह अपने समर्थकों के साथ प्रदर्शन करेंगे। राम ने कहा कि उन्होंने 2013 में भाजपा इसलिए ज्वाइन की थी क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि अगर मोदी सत्ता में आएंगे तो देश में समभाव का माहौल बनेगा और उनकी सरकार दलितों के लिए काम करेगी।
उन्होंने पूछा, ”मायावती एक दलित के तौर पर सम्मान की प्रतीक हैं। अगर कोई भाजपा नेता उनके खिलाफ आपत्तिजनक बयान देता है, तो मेरे जैसे दलित नेता के पार्टी में सम्मान का क्या होगा?