यूपी पुलिस का कारनामा: एप्पल के सेल्स मैनेजर को गोली मारी, मौत

लखनऊ। हाल ही में मेरठ में दो समुदाय के छात्र छात्रा की दोस्ती को लव जिहाद बनाने की कोशिशों वाली उत्तर प्रदेश पुलिस का एक और कारनामा सामने आया है।
बीती रात करीब दो बजे अपनी कार से घर जा रहे एप्पल कंपनी के सेल्स मैनेजर के बारे में बिना जानकारी जुटाए उसे संदिग्ध मानते हुए पुलिस ने गोली मार दी। इस घटना में एप्पल के सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की मौत हो गयी।
मामला खुलने के बाद पुलिस ने दावा किया है कि कार संदिग्ध स्थिति में थी, लाइटें बंद थीं और तिवारी ने पुलिस पर कार चढ़ाने की कोशिश की, इसलिए बचाव में गोली चलाई अब लेकिन पुलिस के द्वारा सिर में गोली मारने पर कई सवाल उठ रहे हैं।
मृतक विवेक तिवारी के परिवार में उनकी पत्नी और बेटी हैं। विवेक 2014 से एप्पल कम्पनी में कार्यरत थे। उन्होंने मेरठ से एमबीए किया था।
पुलिस द्वारा बिना जांच पड़ताल गोली चलाये जाने की घटना से अब यूपी पुलिस के काम करने के तरीके पर भी सवाल उठ रहे हैं। वहीँ इस घटना पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि यदि आवश्यकता पड़ी तो इस घटना की सीबीआई जांच कराई जायेगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह घटना उस समय हुई जब विवेक अपने एक सहयोगी को घर छोड़ने जा रहे थे। इस दौरान पुलिस ने गाडी रोकने का इशारा किया लेकिन विवेक तिवारी ने गाड़ी नहीं रोकी , जिस पर पुलिस ने गोली चला दी जो सीधे विवेक तिवारी के सिर में लगी और उनकी मौत हो गयी।
घटना के वक्त विवेक के साथ गाड़ी में मौजूद सहकर्मी सना खान ने बताया कि शुक्रवार रात वह अपने सहकर्मी विवेक तिवारी के साथ घर जा रही थीं।
सना ने मीडिया को बताया कि सीएमएस गोमतीनगर विस्तार के पास उनकी गाड़ी खड़ी थी, तभी सामने से दो पुलिसवाले आए और इन्होंने बचकर निकलने की कोशिश की. लेकिन सिपाही ने बाइक दौड़ाकर विवेक को गोली मारी।
इस घटना में गोली चलाने वाले कांस्टेबल को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीँ विवेक की पत्नी कल्पना ने यूपी सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि अगर उनके पति किसी संदिग्ध हालत में थे भी और उन्होंने गाड़ी नहीं रोकी तो आरटीओ दफ्तर जाकर उनकी गाड़ी का नंबर नोट करके उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए थी। पुलिस ने उन्हें गोली क्यों मारी?
राज्य के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि इस मामले की में जांच जारी है और दोनों कॉन्स्टेबलों के खिलाफ आरोप साबित होने का बाद उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।